मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 19.24 लाख उपभोक्ताओं को आकलित खपत के बिल दिए गए हैं। इसका कारण यह है कि इन उपभोक्ताओं के मीटर बंद या खराब हैं। यह जानकारी बिजली कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग के सामने दायर याचिका में दी है। यह मामला मध्य क्षेत्र कंपनी के दायरे में आने वाले भोपाल समेत 16 जिलों के उपभोक्ताओं के मीटर का है।
दरअसल, एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की बिजली दरों को लेकर नियामक आयोग के सामने याचिका पेश की है। इस याचिका पर आपत्ति दर्ज करने वाले विशेषज्ञों ने भी मीटर खराब या बंद होने के आंकड़ों की पुष्टि की है।
बिजली कंपनी के रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, इस याचिका के पेज 189 की कंडिका 7.2 में मीटर बंद या खराब होने का उल्लेख किया गया है। इसमें चार श्रेणी के उपभोक्ताओं के मीटर की संख्या के अलग-अलग आंकड़े बताए गए हैं। इनमें घरेलू उपभोक्ता, निम्न दाब औद्योगिक उपभोक्ता, गैर घरेलू उपभोक्ता, अन्य और उच्च दाब उपभोक्ता श्रेणी के आंकड़े शामिल किए गए हैं।
मध्य क्षेत्र कंपनी के एमडी ने 5 दिन पहले बाकायदा बैठक बुलाकर खराब मीटर बदलने के निर्देश भी दे दिए हैं। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर ने खराब या बंद मीटर के यह आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं।
सबसे ज्यादा घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर खराब बताए गए बिजली कंपनी ने नियामक आयोग में दायर पिटीशन में जो आंकड़े पेश किए हैं उसके मुताबिक सबसे ज्यादा 19.37 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर खराब या बंद पाए गए हैं। इसके बाद 5 हजार मीटर गैर घरेलू उपभोक्ताओं के खराब पाए गए हैं।
निर्देश दिए थे एवरेज बिल ना दें... मीटर बदलने के निर्देश दे दिए गए हैं। पूरी जानकारी बुलाकर इसकी समीक्षा भी की जा रही है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि उपभोक्ताओं को एवरेज बिल नहीं दिए जाएं। जांच करने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। - प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री