भोपाल की कोलार पुलिस ने पुणे से संचालित सृष्टि ट्रेड कॉम कंपनी के तीन संचालकों पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने के मामले में FIR दर्ज की है।
आरोपियों ने बैंक की मॉर्टगेज संपत्ति को फर्जीवाड़ा कर बेच दिया। इस जमीन पर पहले से करीब 110 करोड़ रुपए का लोन अलग-अलग बैंक से है। इतना ही नहीं बेची गई कुल पौने पांच एकड़ जमीन में शामिल एक एकड़ जमीन अन्य बिल्डर्स की थी। इस जमीन की कीमत भी आरोपियों ने नहीं चुकाई। जिसका केस पहले से ही तहसील में लंबित है।
एसआई मनोज यादव ने बताया कि सृष्टि ट्रेड कॉम लिमिटेड कंपनी का संचालन राजेश जैन, राजीव श्रीवास्तव और आनंद पाण्डेय करते हैं। कंपनी की करीब पौने चार एकड़ जमीन बावड़िया कलां शाहपुरा में स्थित है। जमीन से लगी एक एकड़ जमीन का टुकड़ा फरियादी राम कुमार सिंह (52) पुत्र केशव सिंह का है। रामकुमार आरएसआर हाउसिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर हैं।
राजेश और उनके दोनों सहयोगियों ने वर्ष 2011 में रामकुमार की एक एकड़ जमीन का सौदा 3.84 करोड़ रुपए में किया था। पोस्ट डेट चेक (पीडीसी) के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री करा ली। बाद में एक भी चेक क्लियर नहीं हुआ। जिसके बाद रामकुमार सिंह ने आपत्ति लगाते हुए रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्री कैंसिल करने का आवेदन दिया।
फर्जी तरीके से बेच दी पूरी जमीन
2024 में सृष्टि ट्रेड कॉम लिमिटेड कंपनी के तीनों पदाधिकारियों ने अपनी पौने तीन और रामकुमार की एक एकड़ कुल पौने पांच एकड़ जमीन का सौदा शिव कंस्ट्रक्शन कंपनी से कर दिया। जमीन की रजिस्ट्रार कार्यालय से फर्जी तरीके से रजिस्ट्री भी करा दी। इस रजिस्ट्री के आधार पर आरोपी कोलार तहसील में नामांतरण कराने पहुंच गए।
ऐसे खुला मॉर्टगेज संपत्ति बेचने का राज
नामांतरण के पूर्व रामकुमार ने एक बार फिर आपत्ति लगा दी। उन्होंने तहसील कार्यालय में जानकारी दी कि कुल पौने पांच एकड़ जमीन में एक एकड़ जमीन उनकी है, जिसे फर्जी तरीके से बेचा गया है। इसी के साथ कुल जमीन पर फर्जीवाड़ा कर तीन अलग-अलग बैंक से 110 करोड़ रुपए का लोन भी ले रखा है।
जब तहसीलदार ने विवादित जमीन का नामांतरण करने से इनकार कर दिया तो आरोपियों ने कुछ ही दिनों में तीनों बैंक की फर्जी एनओसी तैयार कर तहसील कार्यालय में पेश कर दी। जिसके बाद फरियादी ने थाने में शिकायत की। शिकायती आवेदन की जांच के बाद पुलिस ने सोमवार को एफआईआर दर्ज कर ली। फिलहाल किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है।