मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों से खाद संकट की खबरें आ रही हैं। एमपी में खाद को लेकर हो रही परेशानी के संबंध में जब कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना से पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा-
खाद का डिस्ट्रीब्यूशन सहकारिता करती है, लेकिन आपसे पूछ रहा हूं कि किस जगह, कहां दिक्कत है, मुझे बता दीजिए।
सौ-पचास लोग इकट्ठे होते हैं, तो कांग्रेसी कहते हैं खाद नहीं मिल रहा कांग्रेस के खाद संकट के आरोपों पर कृषि मंत्री बोले, 'जब लोग खाद लेने आते हैं, एक दुकान पर नहीं मिलता, तो दूसरी दुकान पर इकट्ठे हो जाते हैं। सौ - पचास लोग तो इकट्ठे हो ही जाते हैं, इसमें कोई खराब बात थोडे़ है। एक जगह जाकर ले रहे हैं, बंटने में थोड़ी कठिनाई आ रही है, तो सौ - पचास लोग तो इकट्ठे हो ही जाते हैं। कांग्रेसी इसको कहते हैं कि खाद नहीं मिल रहा। कौन से जिले में नहीं मिल रहा, मुझे बताएं। हालांकि, ये उर्वरक विभाग का मामला है।'
सिंघार बोले- ऐसे अल्पज्ञानी मंत्री कृषि विभाग संभाल रहे कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना के बयान पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, 'प्रदेश के एक मंत्री का अल्पज्ञान देख सकते हैं कि ऐसे मंत्री प्रभार संभाल रहे हैं। उनके पास कृषि विभाग है और वे किसानों की बात नहीं करना चाहते। किसान क्या जमीन में खाद नहीं डाले, किसान क्या सोयाबीन के भाव की बात नहीं करे? अगर मंत्री इन सब बातों से अनजान हैं, तो उनको इस्तीफा देना चाहिए। मैं समझता हूं कि इसके पीछे सरकार हो या मंत्री हों, इनकी मंशा नहीं है कि किसानों को खाद मिले। किसानों को सोयाबीन के भाव मिलें।'
कृषि मंत्री के बयान पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'पूरे प्रदेश से मांग आई है। आपने अगर खाद की पूर्ति कर दी है, तो बुलेटिन जारी करें। रोज हर जगह झगड़े हो रहे हैं। किसानों के झगड़े मंत्री को नहीं दिख रहे। क्या मंत्री आंख पर पट्टी बांधकर बैठे हैं?'