सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय श्रीवास्तव ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कानूनी नोटिस भेजा गया है। जिसमें उनसे माफी मांगने और 10 करोड़ रुपए मानहानि पर मुआवजे के तौर पर देने को कहा है। एक महीने के भीतर ऐसा नहीं करने पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक और दीवानी मुकदमा कोर्ट में दर्ज कराया जाएगा।
दरअसल, दिग्विजय सिंह को यह नोटिस 24 दिसंबर उनकी ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र के मामले में दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अपने बयानों और पीएम को लिखे पत्र के जरिए उनके क्लाइंट गोविंद सिंह राजपूत पर व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा पर हमला किया है।
दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र में ये लिखा था.. दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि 'सौरभ शर्मा नाम के जिस पूर्व आरक्षक पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है, उसे सागर निवासी पूर्व परिवहन मंत्री का सीधा संरक्षण प्राप्त था। मुझे जानकारी मिली है कि सौरभ शर्मा पूर्व परिवहन मंत्री के परिवार के सदस्य की तरह बंगले पर बैठता था। जहां वकील साहब के नाम से मशहूर संजय श्रीवास्तव के साथ बैठकर पूरे प्रदेश में परिवहन विभाग के करोड़ों रुपए के लेन-देन का हिसाब किताब रखता था'
दिग्विजय सिंह ने लेटर में लिखा था 'परिवहन मंत्री के चहेते और कमाऊ पूत बने सौरभ शर्मा ने संजय श्रीवास्तव, आरटीआई वीरेश तुमराम, पूर्व आरटीआई दशरथ सिंह पटेल के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में संचालित आरटीओ बेरियर पर वसूली का ठेका ले लिया। ये वसूली गैंग मंत्री के सीधे नियंत्रण में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग कराया करते थे। इनके विश्वासपात्र प्रायवेट कटर चेकपोस्ट पर उगाही करके हिसाब अपने आकाओं तक पहुंचायां करते थे।'
दिग्गी ने कहा था- पता लगाना चाहिए पैसा किसका है दिग्विजय सिंह ने आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास मिली संपत्ति को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने मांग की थी कि इस केस से लोकायुक्त को हटाया जाए और केस की जांच ईडी और आयकर विभाग को सौंपी जानी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाए कि पता लगाना चाहिए कि पैसा किसका है? कहां से आया और कहां गया। उन्होंने पूरी जांच मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में करने की बात कही है।
दिग्विजय ने कहा था कि प्रदेश के इतिहास में इतना बड़ा भ्रष्टाचार कभी देखने को नहीं मिला। जंगल में खड़ी कार से 52 किलो सोना, 200 किलो चांदी की सिल्लियां मिली हैं। दिग्विजय ने कहा कि सौरभ शर्मा, संजय श्रीवास्तव, वीरेश तुमरात और दशरथ सिंह पटेल नाकों की नीलामी करके वसूली करते थे। मनी ट्रेल का पता लगते ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) में गिरफ्तारी होनी चाहिए।
मेरी पेशेवर छवि को गंभीर क्षति पहुंची: श्रीवास्तव
ए़डवोकेट श्रीवास्तव ने नोटिस में लिखा है कि मेरा पेशेवर संबंध गोविंद सिंह राजपूत से है, जो वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इसके बावजूद आपने मुझे अन्य सार्वजनिक सेवकों और व्यक्तियों से जोड़ा है, जिनका मेरे पेशे से कोई संबंध नहीं है। आपके आरोपों के कारण मेरी पेशेवर छवि को गंभीर क्षति पहुंची है।
एडवोकेट श्रीवास्तव ने कहा है कि, दिग्विजय का यह काम भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 354 और 356 के अंतर्गत मानहानि के दायरे में आता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी राजनीति का दुरुपयोग करके गलत जानकारी फैलाने और समाज में अस्थिरता उत्पन्न करने का प्रयास किया है। संजय श्रीवास्तव ने दिग्विजय सिंह से तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि दिग्विजय सिंह सभी मंचों पर उनके खिलाफ दिए गए सभी मानहानिकारक बयानों को वापस लें और सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। साथ ही उनकी छवि धूमिल करने और पेशे को नुकसान पहुंचाने के लिए 10 करोड़ रुपए का मुआवजा दें।
एक महीने में आपराधिक शिकायत करेंगे एडवोकेट श्रीवास्तव ने कहा है कि 30 दिनों के अंदर माफी नहीं मांगने और मुआवजा न देने पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 354 और 356 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज कराएंगे। साथ ही 10 करोड़ रुपए के मुआवजे के लिए दीवानी मुकदमा दायर करेंगे और दिग्विजय सिंह के आचरण की जांच के लिए राज्यसभा की आचार समिति में औपचारिक शिकायत दर्ज कराएंगे।