कोलार 6 लेन पर इनायतपुर पुलिया से बेरिकेडिंग तोड़ते हुए 30 फीट गहरे नाले में कार समेत गिरने से हुई दो दोस्तों की मौत की वजह, सड़क निर्माण की खामी भी नजर आ रही है। कोलार आते समय पुलिया से कुछ पहले शार्प टर्न भी है। कोलार पुलिस का दावा है कि हादसे के वक्त तीनों युवकों की कार की रफ्तार काफी तेज थी। शुक्रवार को डीसीपी ट्रैफिक ने मौके पर जाकर हादसे की वजह तलाशी।
उन्हें निर्माण और सुरक्षा की चार कमियां नजर आईं। इन बिंदुओं को कोलार पुलिस भी अपनी विवेचना में शामिल करते हुए पीडब्ल्यूडी के अफसरों से भी सवाल करेगी। ये हादसा गुरुवार देर रात हुआ था। इसमें पलाश गायकवाड़, विनीत दक्ष और पीयूष गजभिए की मौत हो गई थी।
डीसीपी ट्रैफिक संजय सिंह ने बताई निर्माण-सुरक्षा में 4 खामियां
खामी 1. शार्प टर्न: गोल जोड़ की ओर से कोलार आते समय इस पुलिया से कुछ मीटर पहले एक शार्प टर्न है, लेकिन कोई संकेतक नहीं। खामी 2. सड़क मिलान: यह सड़क करीब 21 मी. चौड़ी है, लेकिन पुलिया सिर्फ 10 मीटर चौड़ी है। गोल जोड़ से आते समय दाहिने नहीं मुड़ सकते हैं, क्योंकि वहां डिवाइडर है। यदि स्टीयरिंग बायीं तरफ मोड़ेगा तो सीधे नाले में गिरेगा। खामी 3. सड़क पर बिखरी गिट्टी: पुलिया के ठीक पहले शार्प टर्न पर सड़क पर गिट्टी बिखरी है। यदि ड्राइवर बचने के लिए अचानक ब्रेक भी लें तो गाड़ी फिसल सकती है। खामी 4. कोई संकेतक नहीं: एक्सीडेंट जोन जैसी परिस्थितियां होने के बाद भी यहां संकेतक नहीं हैं। पुलिया से पहले रंबल स्ट्रिप या ब्लिंकर लगाकर भी रफ्तार कम कर सकते हैं।
आयोग ने मांगा जवाब: पीडब्ल्यूडी ने शुक्रवार को यहां संकेतक लगाने शुरू कर दिए हैं। रोड मार्किंग भी शुरू की गई है। जहां से कार गिरी थी वहां मिट्टी का टीला बना दिया है। इधर, मामले में मप्र मानवाधिकार आयोग ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव से तीन हफ्ते में जांच कर जवाब मांगा है।
इस हिस्से में निर्माण जारी है। सुरक्षा के लिए हमने नाले के किनारों पर टिन से बेरिकेडिंग की थी। संकेतक बाद में लगाने की योजना थी।
-विजय सिंह, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी सड़क निर्माण के बाद इंडियन रोड कांग्रेस के आधार पर सुरक्षा मानक यहां नजर नहीं आए हैं। यदि ये होते तो हादसा इतना भयावह नहीं होता।
-संजय सिंह, डीसीपी ट्रैफिक