प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन वॉरशिप INS सूरत (डिस्ट्रॉयर), INS नीलगिरि (स्टेल्थ फ्रिगेट) और INS वाघशीर (सबमरीन) को राष्ट्र को समर्पित किए। इन तीनों अल्ट्रा-मॉर्डन वॉर शिप से नेवी की ताकत और बढ़ जाएगी। मोदी ने कहा 15 जनवरी को आर्मी डे के रूप में भी मनाया जाता है। आज भारत की समुद्री विरासत नेवी के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए भी बहुत बड़ा दिन है।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य दिया था, नया विजन दिया था। आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नेवी को सशक्त करने की तरफ हम एक बहुत बड़ा कदम उठा रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और सबमरीन को एकसाथ कमीशन किया जा रहा है। ये तीनों मेड इन इंडिया हैं।
मोदी के भाषण की खास बातें
भारत मैरीटाइम पावर बन रहा है
आज जो प्लेटफॉर्म लॉन्च हुए हैं, उनमें भी इसकी झलक है। नीलगिरी चोल वंश के सामुद्रिक सामर्थ्य के प्रति समर्पित है। सूरत वॉर शिप उस वक्त की याद दिलाता है, जब गुजरात को पोर्ट के जरिए वेस्ट एशिया से जुड़ा था। आज बाघशीर सबमरीन की भी कमीशनिंग हो रही है। कुछ साल पहले पी-75 क्लास के पहली सबमरीन की कमीशनिंग का मौका मिला था। आज इस क्लास की छठी सबमरीन समर्पित कर रहा हूं।
हम पूरे विश्व को परिवार मानकर चलते हैं
भारत विस्तारवाद नहीं, विकासवाद की भावना से काम करता है। ओपन, सिक्योर, इन्क्लूजिव इंडो पैसेफिक रीजन का समर्थन किया है। जब समुद्र से सटे देशों के विकास की बात आई तो भारत ने मंत्र दिया सागर- सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन। जी-20 में कहा कि वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर। कोरोना के वक्त वन वर्ल्ड, वन हेल्थ कहा। हम पूरे विश्व को परिवार मानकर चलते हैं।
दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है
बीते कुछ महीनों में हमारी नौसेना ने सैकड़ों जानें बचाईं। हजारों करोड़ रुपए के नेशनल और इंटरनेशनल कार्गो की सुरक्षा की है। दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है। भारतीय नौसेना, कोस्टगार्ड पर लगातार भरोसा बढ़ता जा रहा है। आसियान हो, ऑस्ट्रेलिया हो, गल्फ हो, अफ्रीका के देश हों, सबके साथ आज भारत का आर्थिक सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है।
मेक इन इंडिया के मंत्र से काम कर रहे
कर्नाटक में देश की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर बनाने वाली फैक्ट्री शुरू हुई। यूपी-तमिलनाडु में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर को और गति मिलेगी। नेवी ने भी मेक इन इंडिया अभियान का विस्तार किया है। मझगांव डॉक यार्ड के आप साथियों की भूमिका है। 10 साल में नेवी में 33 शिप्स और 7 सबमरीन को शामिल किया गया। इनमें से 39 भारतीय शिपयार्ड में ही बने हैं।
हमारी सेनाओं ने 5 हजार से ज्यादा ऐसे साजोसमान और उपकरणों की लिस्ट तैयार की है, जो अब वे विदेशों से नहीं मंगाएंगे। जब भारत का सैनिक भारतीय साजोसामान के साथ आगे बढ़ता है, तो आत्मविश्वास भी कुछ अलग ही होता है।