गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाने की मंजूरी दे दी है। दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना भी केजरीवाल पर केस चलाने की इजाजत दे चुके हैं।
ED को यह मंजूरी इसलिए लेनी पड़ी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने के लिए ऐसा करना होगा। ED ने पिछले साल PMLA कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें शराब नीति घोटाले में केजरीवाल को आरोपी बनाया था।
ED को यह मंजूरी ऐसे समय मिली है, जब दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। रिजल्ट 8 फरवरी को आएगा।
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने 11 जनवरी को ED को शराब नीति मामले में केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दे दी। ED ने 5 दिसंबर को एलजी से केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल चलाने की अनुमति मांगी थी।
AAP बोली- 2 साल बाद और चुनाव के ठीक पहले मंजूरी क्यों
AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा- देश के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें आपने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को जेल में डाला। दोनों को ट्रायल कोर्ट और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत मिल गई... 2 साल बाद आपने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी। यह तब है, जब चुनाव नजदीक हैं। उनका वही पुराना तरीका है, झूठे मामले दर्ज करना, आम आदमी पार्टी के नेताओं को बदनाम करना, लेकिन अब जनता सब समझ चुकी है।
जुलाई में चार्जशीट ट्रायल कोर्ट में दायर हुई थी, 5 पॉइंट में पूरा मामला