साउथ कोरिया की संसद में हंगामा, सांसदों ने कॉलर पकड़े:देश में 14 दिन में 3 राष्ट्रपति, इमरजेंसी के बाद महाभियोग से हटे 2 प्रेसिडेंट

Updated on 28-12-2024 01:19 PM

साउथ कोरिया की संसद में शुक्रवार को प्रधानमंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू को महाभियोग चलाकर पद से हटा दिया गया। उन्हें हटाने के पक्ष में 192 वोट पड़े, जबकि इसके लिए 151 वोटों की जरूरत थी। महाभियोग की वजह से संसद में काफी हंगामा हुआ। इस वजह से सांसदों ने एक-दूसरे के कॉलर पकड़ लिए।

कार्यवाहक राष्ट्रपति के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के खिलाफ में एक भी वोट नहीं पड़ा क्योंकि सत्ताधारी पार्टी ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया।

अब वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालेंगे। चोई सांग ने 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लगाने का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी बताया था।

यून सुक योल ने 3 दिसंबर को देश में इमरजेंसी (मार्शल लॉ) लगा दिया था। हालांकि विपक्ष की कोशिशों से यह सिर्फ 6 घंटे के लिए ही लागू रह पाया। विपक्षी पार्टी ने संसद में वोटिंग के जरिए मार्शल लॉ प्रस्ताव को अवैध घोषित कर दिया था।

इसके बाद साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग चलाकर हटा दिया गया था। इसके बाद 14 दिसंबर को हान डक-सू को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था, लेकिन वे इस पद पर सिर्फ 13 दिन ही रह पाए।

स्पीकर ने विपक्षी पार्टी के हित में फैसला सुनाया

साउथ कोरिया की संसद में शुक्रवार को वोटिंग के दौरान खूब हंगामा हुआ। दरअसल स्पीकर ने कहा कि कार्यवाहक राष्ट्रपति को हटाने के लिए 50% सांसदों के वोट चाहिए होंगे। ऐसे में सिर्फ 151 सांसदों की वोटिंग से कार्यवाहक राष्ट्रपति को हटाया जा सकता था। संसद में विपक्षी पार्टियों के पास 192 सीटें हैं। ऐसे में कार्यवाहक राष्ट्रपति को हटाना आसान हो गया। सत्ताधारी पार्टी जिनसे पास सिर्फ 108 सीटें हैं, उन्होंने इसका विरोध किया। इससे पहले राष्ट्रपति यून को हटाने के लिए 200 सीटों की जरूरत पड़ी थी। महाभियोग सफल होने के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति हान ने कहा कि वह संसद के फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे।

कार्यवाहक राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव क्यों लाया गया? 

साउथ कोरिया में इमजरेंसी लगाने वाले यून सुक योल को महाभियोग चलाकर पद से हटा दिया गया है। हालांकि उन्हें पूरी तरह पद से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट के 9 में से 6 जज अगर उनके पक्ष में फैसला सुनाते हैं तो वे फिर से देश के अलगे राष्ट्रपति बन जाएंगे।

इसमें समस्या यह है कि अभी साउथ कोरिया के सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ 6 जज हैं। ऐसे में एक जज भी यून सुक योल के पक्ष में वोटिंग कर उन्हें फिर से देश का राष्ट्रपति बना सकता है। यही वजह है कि विपक्षी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में खाली हुए 3 सीटों को भरना चाहती है, लेकिन कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने इससे इनकार कर दिया।

राष्ट्रपति योल को इमजरेंसी लगाने की जरूरत क्यों पड़ी थी? 

दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपुल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी, और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे।

राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है।

इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया। उन्होंने DPK पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।

दक्षिण कोरिया में सिर्फ 6 घंटे में ही क्यों खत्म हुई इमजरेंसी ?

राष्ट्रपति योल के मार्शल लॉ के ऐलान के बाद पूरा विपक्ष थोड़ी ही देर में संसद पहुंच गया। मार्शल लॉ कानून को हटाने के लिए संसद में 150 से ज्यादा सांसद होने चाहिए। जब तक सेना संसद पर कब्जे के लिए पहुंची, पर्याप्त सांसद संसद में पहुंच चुके थे और कार्यवाही शुरू हो गई थी।

हालांकि सेना ने कार्यवाही रोकने की कोशिश की। सांसद में वोटिंग के लिए जा रहे कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया। जवानों ने अंदर घुसने के लिए संसद की खिड़कियां तोड़नी शुरू कीं, लेकिन जब तक जवान भीतर पहुंचते, नेशनल असेंबली के 300 में से 190 सांसदों ने राष्ट्रपति के मार्शल लॉ वाले प्रस्ताव को मतदान कर गिरा दिया।

दक्षिण कोरिया के संविधान के मुताबिक अगर संसद में सांसदों का बहुमत देश में मार्शल लॉ हटाने की मांग करता है तो सरकार को इसे मानना होगा। संविधान के इसी प्रावधान का विपक्षी नेताओं को फायदा मिला और सेना को अपनी कार्रवाई रोकनी पड़ी।

सेना ने तुरंत संसद को खाली कर दिया और वापस लौट गई। संसद के ऊपर हेलिकॉप्टर और सड़क पर मिलिट्री टैंक तैनात थे, उन्हें वापस जाना पड़ा।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 15 January 2025
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को अपने X अकाउंट पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बातचीत का डब वीडियो शेयर किया है। ट्रम्प और ओबामा के…
 15 January 2025
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीट हेगसेथ को रक्षा मंत्री के पद के लिए चुना है। वे मंगलवार को सीनेट समिति के सामने पेश हुए। इस दौरान हेगसेथ…
 15 January 2025
इजराइल और हमास के बीच सीजफायर डील के विरोध में इजराइली नागरिकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आतंकियों के सामने सरेंडर करने का आरोप लगाया…
 15 January 2025
अमेरिका के लॉस एंजिलिस में लगी आग से मंगलवार तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 30 लोग लापता हैं। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक यहां पर…
 15 January 2025
अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने जनवरी महीने को तमिल लेंग्वेज और हेरिटेज मंथ के तौर मनाने के लिए मंगलवार को संसद में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पेश करने के बाद…
 15 January 2025
साउथ कोरिया में पद से हटाए गए राष्ट्रपति यून सुक-योल को पुलिस ने बुधवार को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है। योल पर 3 दिसंबर 2024 को देश में…
 14 January 2025
भारत के साथ पाकिस्तान के लहंदा पंजाब (पश्चिमी पंजाब) में भी सोमवार को लोहड़ी का त्योहार मनाया गया। यह 47 साल में दूसरा मौका है, जब पंजाबी कम्युनिटी के लोगों…
 14 January 2025
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कई बार कनाडा को अमेरिका का 51वां स्टेट बनने के ऑफर दे चुके हैं। इस मुद्दे पर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है।…
 14 January 2025
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने रविवार पाकिस्तान में मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया। CNN के मुताबिक इस दौरान उन्होंने मुस्लिम नेताओं से…
Advt.