साउथ कोरिया में पद से हटाए गए राष्ट्रपति यून सुक-योल को पुलिस ने बुधवार को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है। योल पर 3 दिसंबर 2024 को देश में मार्शल लॉ लागू करने के लिए आपराधिक जांच चल रही है।
मार्शल लॉ (इमरजेंसी) के फैसले को देश की संसद ने 3 घंटे बाद ही पलट दिया था। इसके बाद 14 दिसंबर को संसद में योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाकर उन्हें पद से हटा दिया गया था। महाभियोग पर 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, जिसके लिए योल को कोर्ट में पेश होना था।
योल कल कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसके बाद जांच एजेंसियों की तरफ से उनके खिलाफ आज सुबह गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस को मौके पर भारी विरोध का सामना करना पड़ा। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तारी के लिए 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
सीढ़ी लगाकर घर में घुसी पुलिस
न्यूज एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के मुताबिक योल की सुरक्षा में लगे गार्ड्स ने पुलिस को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी। योल समर्थक बड़ी संख्या में राष्ट्रपति आवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने सीढ़ी का इस्तेमाल कर योल के घर में दाखिल हुई।
कोर्ट में पेश नहीं होने की वजह से कल से ही योल की गिरफ्तारी की आशंका जताई जा रही थी। रात से ही योल समर्थक प्रदर्शनकारी उनके घर के बाहर इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। पुलिस को सत्ताधारी पार्टी के सांसदों और योल के वकीलों ने भी रोकने की कोशिश की थी।
इससे पहले 3 जनवरी को पुलिस ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में गिरफ्तार करने की कोशिश की थी। हालांकि, तब पुलिस को राष्ट्रपति के 200 गार्ड्स ने गेट पर ही रोक दिया था। योल के घर के बाहर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंचे थे। करीब 6 घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा था।
48 घंटे में कोर्ट से वारंट लेना होगा
योल की गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ के लिए जांच एजेंसियों के पास 48 घंटे का समय है। इसके बाद औपचारिक तरीके से उनकी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट लेना होगा। योल के सलाहकार सियोक डोंग-हियोन ने गिरफ्तारी से पहले कहा था कि- यून सुक योल पूछताछ के लिए तैयार है, बशर्ते उन्हें गिरफ्तार करने आए अधिकारी वापस लौट जाएं।
दूसरी तरफ योल के खिलाफ महाभियोग की वैधता और विद्रोह से जुड़े आरोपों की सुनवाई के लिए कोर्ट के पास 14 दिंसबर के बाद से 180 दिन का समय है। सुप्रीम कोर्ट के 8 में से 6 जज अगर योल के खिलाफ वोट करते हैं, तो उन्हें दोषी करार दिया जाएगा।
अगर इस दौरान योल को दोषी साबित नहीं किया जा सका या महाभियोग अवैध घोषित हो जाता है, तो योल एक बार फिर साउथ कोरिया के राष्ट्रपति बन जाएंगे।
राष्ट्रपति योल को इमजरेंसी लगाने की जरूरत क्यों पड़ी थी?
साउथ कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपुल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे।
राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है।
इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया। उन्होंने DPK पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।