सीरिया में विद्रोही गुट का तीसरे शहर पर भी कब्जा:सुन्नी लड़ाकों ने राजधानी को घेरा

Updated on 07-12-2024 01:02 PM

सीरिया में विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम (HTS) और उसके सहयोगियों ने तीसरे शहर ‘दारा’ पर भी कब्जा कर लिया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक विद्रोही गुटों ने यहां मौजूद सेना के साथ समझौता कर लिया है।

2011 में दारा शहर से ही असद सरकार के खिलाफ क्रांति की शुरुआत हुई थी। रॉयटर्स के मुताबिक सेना ने खुद विद्रोहियों को दमिश्क तक जाने का सुरक्षित रास्ता दे दिया। दारा शहर सीरिया के दक्षिणी इलाके में है और जॉर्डन से सटा हुआ है। इस पर कब्जा होने के बाद राजधानी दमिश्क दोनों तरफ से घिर गई है।

सीरिया में 27 नवंबर को सेना और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था। इसके बाद 1 दिसंबर को विद्रोहियों ने उत्तरी शहर अलेप्पो पर कब्जा कर लिया। इसके 4 दिन बाद विद्रोही गुटों ने एक और बड़े शहर हमा पर भी कब्जा कर लिया।

विद्रोहियों ने दक्षिणी शहर दारा पर कब्जा करने के बाद राजधानी दमिश्क को दो दिशाओं से घेर लिया है। दारा और राजधानी दमिश्क के बीच सिर्फ 90 किमी की दूरी है।

इस बीच ईरान ने अपने लोगों को सीरिया से बाहर निकालना शुरू कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात सीरिया की यात्रा और वहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

ईरान ने राष्ट्रपति असद का साथ छोड़ा

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ईरान ने शुक्रवार से सीरिया से अपने सैन्य कमांडरों, रिवोल्यूशनरी गार्ड से जुड़े लोगों, राजनयिक कर्मचारियों और उनके परिवारों को निकालना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट में ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि ईरान पहले की तरह असद सरकार का साथ देने में असमर्थ है।

अधिकारी ने बताया कि दमिश्क में रह रहे विशेष कर्मचारियों को विमानों से तेहरान लाया जा रहा है। जबकि बाकियों को जमीनी रास्ते से लताकिया बंदरगाह जा रहे हैं जहां से वे ईरान पहुंचेंगे।

ईरानी मामले के जानकारी मेहदी रहमती ने NYT से कहा कि ईरान ने अपनी अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को निकालना शुरू किया है, क्योंकि उन्हें लग रहा है कि सीरिया की सेना विद्रोहियों का मुकाबला नहीं कर पाएगी।

ईरानी संसद के सदस्य अहमद नादेरी ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सीरिया पतन के कगार पर है और हम शांति से यह सब देख रहे हैं। अगर दमिश्क गिर गया तो ईरान, इराक और लेबनान में अपना असर खो देगा। मुझे समझ नहीं आता कि हमारी सरकार इस पर चुप क्यों है। यह हमारे देश के लिए अच्छा नहीं है।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस सप्ताह दमिश्क की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने सीरिया की सुरक्षा करने का वचन दिया था। हालांकि, शुक्रवार को उन्होंने बगदाद में इससे अलग बयान दिया। उन्होंने कहा- हम भविष्य नहीं बता सकते। अल्लाह की जो भी इच्छा होगी वही होगा।

रूस से भी असद को नहीं मिल रही पूरी मदद 

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने असद को सैन्य और राजनीतिक समर्थन दिया था, लेकिन इस बार के संकट में रूस का असद को बचाने कोई इरादा नहीं है। शुरुआत में रूसी वायुसेना ने अलेप्पो में विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी लेकिन ये मदद कम होती जा रही है। इस बीच दमिश्क में रूसी दूतावास ने अपने नागरिकों को देश छोड़ने की सलाह दी है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में क्रेमलिन के हवाले बताया गया है कि रूस के पास सीरिया संकट का हल नहीं है। सीरियाई राष्ट्रपति असद विद्रोह को दबाने के लिए कई सालों से रूस और ईरान पर निर्भर रहे हैं, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है।

रूस और ईरान दोनों ही अपनी-अपनी समस्याओं में उलझे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि पहली बार असद अकेले पड़ चुके हैं। रूस ने अब राष्ट्रपति असद की परवाह करना छोड़ दिया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय बोला- सीरिया जाने से बचें

विदेश मंत्रालय ने कहा- सीरिया की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक सीरिया की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है। वहां रह रहे भारतीय लोगों से अपील की जाती है कि वे बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें।

मंत्रालय ने कहा कि सीरिया में रह रहे भारतीय लोग अपडेट के लिए दमिश्क में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (व्हाट्सएप पर भी) और ईमेल आईडी hoc.damascus@mea.gov.in पर संपर्क में रहें।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को सीरिया के हालात को लेकर कहा- हमने सीरिया के उत्तरी भाग में हाल ही में बढ़ी लड़ाई पर ध्यान दिया है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।

सीरिया में लगभग 90 हजार भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 14 विभिन्न संयुक्त राष्ट्र संगठनों में काम कर रहे हैं। हमारा मिशन अपने नागरिकों की सुरक्षा करना है।

सीरिया का सबसे बड़ा संगठन बना HTS

HTS पहले अल कायदा से जुड़ा रहा है। सुन्नी गुट HTS का नेतृत्व अबू मोहम्मद अल-जुलानी कर रहा है। जुलानी बीते कई साल से सीरिया की अल असद सरकार के लिए खतरा बना हुआ है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अल-जुलानी का जन्म 1982 में रियाद, सऊदी अरब में हुआ। वहां उसके पिता पेट्रोलियम इंजीनियर थे। साल 1989 जुलानी का परिवार सीरिया लौट आया और दमिश्क के पास बस गया।

जुलानी ने 2003 में इराक पर अमेरिकी हमले के बाद मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़कर अल-कायदा ज्वाइन कर लिया था। वह अल कायदा में अबू मुसाब अल-जरकावी का करीबी रहा। 2006 में जरकावी की हत्या के बाद जुलानी ने लेबनान और इराक में समय बिताया।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 15 January 2025
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को अपने X अकाउंट पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बातचीत का डब वीडियो शेयर किया है। ट्रम्प और ओबामा के…
 15 January 2025
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीट हेगसेथ को रक्षा मंत्री के पद के लिए चुना है। वे मंगलवार को सीनेट समिति के सामने पेश हुए। इस दौरान हेगसेथ…
 15 January 2025
इजराइल और हमास के बीच सीजफायर डील के विरोध में इजराइली नागरिकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आतंकियों के सामने सरेंडर करने का आरोप लगाया…
 15 January 2025
अमेरिका के लॉस एंजिलिस में लगी आग से मंगलवार तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 30 लोग लापता हैं। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक यहां पर…
 15 January 2025
अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने जनवरी महीने को तमिल लेंग्वेज और हेरिटेज मंथ के तौर मनाने के लिए मंगलवार को संसद में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पेश करने के बाद…
 15 January 2025
साउथ कोरिया में पद से हटाए गए राष्ट्रपति यून सुक-योल को पुलिस ने बुधवार को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है। योल पर 3 दिसंबर 2024 को देश में…
 14 January 2025
भारत के साथ पाकिस्तान के लहंदा पंजाब (पश्चिमी पंजाब) में भी सोमवार को लोहड़ी का त्योहार मनाया गया। यह 47 साल में दूसरा मौका है, जब पंजाबी कम्युनिटी के लोगों…
 14 January 2025
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कई बार कनाडा को अमेरिका का 51वां स्टेट बनने के ऑफर दे चुके हैं। इस मुद्दे पर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है।…
 14 January 2025
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने रविवार पाकिस्तान में मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया। CNN के मुताबिक इस दौरान उन्होंने मुस्लिम नेताओं से…
Advt.