मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स पुरुषोत्तम त्रिपुरी ने कहा है कि दूसरों को बैंक खाते देने वाले यह कहकर नहीं बच सकते कि वे रिक्शा चलाते हैं या आर्थिक रूप से कमजोर हैं। अगर किसी व्यक्ति ने लोभ में आकर किसी को अपना बैंक खाता दिया है और उसके खाते में लाखों, करोड़ों रुपए आते हैं तो इनकम टैक्स विभाग उससे पूछताछ करेगा और उसे बताना होगा कि यह पैसा कहां से और कैसे आया है।
पीसीसीआईटी कहा कि इसलिए वे लोगों से अपील करते हैं कि किसी को अपने बैंक खाते की जानकारी न दें ताकि उनके खाते में कोई पैसा भेजे और सायबर फ्राड करे। लोगों के इस मामले में जागरुक और संवेदनशील होने की जरूरत है अन्यथा नियम के आधार पर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
भास्कर से अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के दौरान पीसीसीआईटी त्रिपुरी ने कहा कि किसी को आयकर विभाग से डरने की जरूरत नहीं है लेकिन जो टैक्स चोरी करेगा, वह तो डरेगा ही। वैसे इस तरह के लोगों का आंकड़ा भी 0.1 प्रतिशत से कम है। त्रिपुरी ने कहा कि टैक्स जमा नहीं करना गलत है। अगर किसी पर टैक्स निकलता है तो जमा करना चाहिए अन्यथा देर सबेर आयकर विभाग पूछताछ करेगा।
31800 करोड़ आए थे पिछले साल, इस साल 37300 करोड़ का टारगेट
पीसीसीआईटी पुरुषोत्तम त्रिपुरी ने कहा कि टैक्स कलेक्शन तेजी से बढ़ा है। वर्ष 1989 में देश में 8 हजार करोड़ का टैक्स कलेक्शन था जो वर्ष 2023-24 में 2 लाख करोड़ पहुंच गया है। मध्यप्रदेश के इस साल के टारगेट को लेकर उन्होंने कहा कि इस साल 37300 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वित्त वर्ष में 31800 करोड़ रुपए का राजस्व टैक्स के रूप में हासिल किया गया था।
तीन प्राथमिकताएं बताईं त्रिपुरी ने
पीसीसीआईटी त्रिपुरी ने अपनी तीन प्राथमिकताएं बताते हुए कहा कि पहला फोकस टैक्स कलेक्शन पर है। दूसरी प्राथमिकता जन शिकायत पर क्विक एक्शन करना है और तीसरी प्राथमिकता स्टाफ और अफसरों के वेलफेयर से संबंधित काम हैं। इसीलिए जो अफसर डीपीसी के लिए वेटेड थे, उनकी डीपीसी का काम तेजी से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रायपुर में इनकम टैक्स की रेजिडेंसियल प्रोजेक्ट को पूरा कराने पर भी फोकस है। उन्होंने कहा कि अब रिटर्न फाइल करना पहले से काफी आसान हो गया है। कई बार रिटर्न फाइल करने के पांच मिनट बाद उसकी मंजूरी की जानकारी आ जाती है, यह नई तकनीक के दौर का रिजल्ट है।