कवर्धा। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा अपने कबीरधाम प्रवास के दौरान मकर संक्रांति के पावन अवसर पर ग्राम रामचुवा में आयोजित छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति से जुड़े मेला कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने ग्राम रामचुवा, मेला स्थल में स्थित देवी देवताओं का दर्शन लाभ लिया और पूजा पाठ कर प्रदेश सहित कवर्धा क्षेत्र की खुशहाली की कामना की। उप मुख्यमंत्री शर्मा के कार्यक्रम में पहुंचने पर क्षेत्रवासियों द्वारा पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पूर्व संसदीय सचिव डॉ. सियाराम साहू, मनहरण कौशिक, ईश्वरी साहू, सुर्दशन साहू, मिलूराम साहू, लोकचंद साहू सहित जनप्रतिनिधि, क्षेत्रवासी उपस्थित थे।उपमुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों को मकर संक्रांति की बधाई और शुभकामना देते हुए कहा कि मेला-मड़ई कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति से जुड़ा हुआ है। गांव की सुख समृद्धि के लिए इसका आयोजन किया जाता है। मेला, मंडई कार्यक्रम पारंपरिक संस्कृति का हिस्सा है। इसे क्षेत्रवासियों द्वारा अभी भी जीवंत रखा गया है। इस पारंपरिक संस्कृति को सहेज के रखते हुए आगे बढ़ाना है। उन्होंने रामचुवा क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में और विकसित करने और मेला समिति की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं और मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में अब तक मोदी की गारंटी जिसे पूरा किया है, इस संदर्भ में मेला में आए लोगो को जानकारी दी।उपमुख्यमंत्री ने 40 लाख रूपए की लागत से दो सामुदायिक भवनों का किया लोकार्पण
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने ग्राम रामचुवा में आयोजित मेला मंडई कार्यक्रम के दौरान साहू समाज के लिए 30 लाख रूपए की लागत से निर्मित नवनिर्मित सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम लालपुर में 10 लाख रूपए की लागत से एक सामुदायिक भवन का भी उद्घाटन किया। इन सामुदायिक भवनों के निर्माण से समाज को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और समाजिक गतिविधियों के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध होगा। उपमुख्यमंत्री ने इस पहल को समाज के कल्याण और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया और ग्रामीणों को इन भवनों का सदुपयोग करने की अपील की।
गौ अभ्यारण्य और दुध गंगा प्रोजेक्ट के माध्यम से क्षेत्र में होगी आर्थिक समृद्धि
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि जिले में गौ अभ्यारण्य बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि इसके बनने के बाद बालोद जिले में स्थापित दुध गंगा प्रोजेक्ट के तर्ज पर यहां भी एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसमें दुध से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाकर विक्रय किए जाएंगे। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए क्षेत्र के 20 व्यक्तियों की एक टीम बनाई जाएगी, जो बालोद में स्थित दुध गंगा प्रोजेक्ट का अवलोकन करेंगे। इस अनुभव के आधार पर यहां भी दुध से उत्पाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय ग्रामीणों को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि वे अपने पशुओं द्वारा उत्पादित दुध का विक्रय इस प्रोजेक्ट के माध्यम से कर सकेंगे। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह सभी कार्य सहकारिता के माध्यम से किए जाएंगे। इसके साथ ही, उन्होंने पशुओं के नस्ल सुधार पर भी जोर दिया, ताकि दुध की गुणवत्ता में सुधार हो और इससे आमदनी का नया मार्ग खुले। इस प्रोजेक्ट से न केवल स्थानीय समुदाय को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि क्षेत्र की समृद्धि में भी वृद्धि होगी।