मध्य प्रदेश में भाजपा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर घमासान छिड़ा है। जिन जिलों के अध्यक्ष रिपीट होने की संभावना है, वहां सबसे ज्यादा गहमागहमी है। ऐसे जिलों के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता प्रदेश नेतृत्व के पास जिलाध्यक्षों की शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं। घोषित होने के बाद बदले गए मंडल अध्यक्षों ने भी स्थानीय नेताओं की शिकायत की है।
प्रदेश भर में हुई रायशुमारी के बाद बनाए गए पैनल पर गुरुवार (2 जनवरी) को प्रदेश भाजपा कार्यालय में जिलेवार वन-टू-वन चर्चा होगी। बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा जिला निर्वाचन अधिकारियों से पैनल पर चर्चा करेंगे।
जिलाध्यक्षों की फर्जी सूची वायरल बीजेपी जिला अध्यक्षों की फर्जी सूची वायरल होने पर बीजेपी के प्रदेश चुनाव अधिकारी रजनीश अग्रवाल ने पत्र जारी कर कहा है कि मीडिया और सोशल मीडिया पर चल रही सूचना भ्रामक है। अभी संगठनात्मक प्रक्रिया चल रही है। जिला अध्यक्षों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है।
1-2 दिन में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति प्रदेश में भाजपा के 60 जिलाध्यक्ष बनाए जाने हैं। इसके लिए प्रभारी अपनी जिम्मेदारी और संगठन की ओर से तय की गई भूमिका के मुताबिक जिला अध्यक्षों के चयन में सक्रिय हैं। संभावना जताई जा रही है कि 1-2 दिन में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति हो जाएगी।
सांसदों से तीन-तीन नाम मांगे गए सभी की सहमति बने और सर्वमान्य व्यक्ति को जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी जाए, इसके लिए सांसदों से तीन-तीन नाम मांगे गए हैं. इतना ही नहीं पार्टी के पूर्व विधायक से लेकर पूर्व सांसद, पंचायत प्रतिनिधि और नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों से जिलाध्यक्ष के मसले पर विचार विमर्श करने को कहा गया है।
33 प्रतिशत महिलाओं को जगह भाजपा 33 प्रतिशत महिलाओं को संगठन में जगह देने की तैयारी में है। बूथ समितियों में इसका पालन किया गया है। अब पार्टी की कोशिश है कि जिला अध्यक्षों के चयन में भी 33 प्रतिशत महिलाओं की हिस्सेदारी रहे। इसके लिए कई नामों की चर्चा भी है। प्रदेश में महिलाओं की सत्ता-संगठन में हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिशें हो रही है। यही वजह है कि राज्य से राज्यसभा में भी तीन महिला सांसद हैं।