मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद रवीन्द्र भवन परिसर में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन कर रहा है। 6 जनवरी तक चलने वाले विज्ञान मेले में स्कूली स्टूडेंट्स ने अनूठे मॉडल प्रदर्शित किए।
सागर पब्लिक स्कूल के स्टूडेंट्स ने चाइल्ड सेफ्टी को लेकर एक स्मार्ट बैग बनाया है। आइशर के रिसर्च स्कॉलर ने चीनी तकनीक से बने कॉर्डरुफ्ट रोबोट का प्रदर्शन किया। उसे मॉडिफाई कर नमस्ते करना सिखाया।
चीन के रोबोट को सिखाया नमस्ते और डांस आइशर भोपाल के रिसर्च स्कॉलर शिवेंद्र नाथ मिश्रा ने बताया कि रोबोट के कई यूज हैं। इसे डिजास्टर मैनेजमेंट और डिफेंस सेक्टर में यूज कर सकते हैं। इसे सिर्फ चीन की एक ही कंपनी बनाती है। जो कॉमर्शियल एक्सपोर्ट करती है। उससे पार्ट्स मंगवा कर हमने इसे रिवर्स इंजीनियरिंग से तैयार किया है। जिसके बाद यह कमर घुमा कर इंडियन डांस के साथ नमस्ते भी करने लगा है।
पराली जलाने पर नहीं फैलेगा प्रदूषण पराली जलाने से फैलने वाले प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए सागर पब्लिक स्कूल के छात्र सिकंदर खान और अभिज्ञान प्रताप सिंह ने एक स्टेबल बर्नर बनाया है। यह मशीन तब चलाई जाती है, जब फसल कट जाती है। यह अपने हीटर से फसल की जड़ों को जला देती है और ऐग्जास्ट फेन से पूरे अन बर्न पार्टिकल्स को खींच कर फिल्टर में भेज देती है। जहां यह एक साथ इकठ्ठा हो जाते हैं। सिकंदर बताते हैं कि इसमें हमने एक सोलर पैनल लगाया है, जिसकी एनर्जी से यह मॉडल चलता है।
बच्चों की सुरक्षा को लेकर बनाया स्मार्ट बैग सागर पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने एक अन्य मॉडल बनाया है। दिया मनवानी, वान्या हिरानी, सैयर कर्द अहमद ने स्मार्ट बैग डिजाइन किया है। यह छोटे बच्चों के लिए है। जहां एक तरफ यह उनके कंधों पर लटकने वाले बैग की किताबों का वजन बताएगा। वहीं दूसरी तरफ इसमें एक एसओएस स्विच लगाया गया है। बच्चे को जरा भी खतरा महसूस होने पर बटन दबाने से सीधे पैरेंट्स के पास जीपीएस जरिए मैसेज पहुंचेगा। दिया मनवानी ने बताया कि हमने इसमें एक डिस्प्ले कनेक्ट किया है। जो बैग का वजन बताएगा। पुश बटन भी इन्स्टॉल किया है। बच्चे को खतरा लगते ही वह इसे पुश करेगा और पेरेंट्स तक इसकी नोटिफिकेशन पहुंच जाएगी। इसमें हमने जीपीएस, वेट मॉनिटरिंग सिस्टम और आरडीनो जैसी एप्लिकेशन इन्स्टॉल की हैं।
बताई वंदे भारत की एनर्जी प्रोड्यूसर टेक्निक इसके अलावा महर्षि विद्या मंदिर के छात्र नैतिक राज सिंह ने हाइड्रोलिक री जनरेट सिस्टम का मॉडल बनाया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले तक जो ट्रेने थीं उसमें जब ब्रेक लगाया जाता था तो वह एनर्जी लूज करती थीं, मगर आजकल चलने वाली वंदे भारत में जब ब्रेक लगाया जाता है तो यह एनर्जी प्रोड्यूस करती है। ब्रेकिंग सिस्टम एक डायनमो के साथ काम कर एनर्जी प्रोड्यूस करता है।