पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई है। 92 साल की उम्र में उनका गुरुवार की शाम को निधन हो गया। दिल्ली के निगम बोध घाट में जहां एक ओर उनका अंतिम संस्कार हुआ, वहीं उनकी जिंदगी पर बनी फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' को लेकर ट्विटर पर खूब कहासुनी हो रही है। फिल्म में मनमोहन सिंह का किरदार निभाने वाले अनुपम खेर और फिल्ममेकर हंसल मेहता एक-दूसरे से उलझ गए। दोनों ने एक-दूसरे को 'पाखंडी' तक कह दिया। जबकि आम जनता भी इन दोनों की इस जुबानी जंग में कूद पड़ी है।ट्विटर (अब X) पर इस जुबानी जंग की शुरुआत पत्रकार और लेखक वीर सांघवी के पोस्ट से हुई। सांघवी ने शुक्रवार को अपने पोस्ट में लिखा, 'अगर आप मनमोहन सिंह के बारे में बोले गए झूठ को याद करना चाहते हैं, तो आपको 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' फिर से देखना चाहिए। यह न केवल अब तक बनी सबसे खराब हिंदी फिल्मों में से एक है, बल्कि यह इस बात का उदाहरण है कि कैसे मीडिया का इस्तेमाल एक अच्छे इंसान के नाम को खराब करने के लिए किया गया।'हंसल मेहता ने सांघवी के पोस्ट पर दी 100% सहमति
वीर सांघवी के इस पोस्ट को हंसल मेहता ने री-ट्वीट करते हुए अपनी सौ फीसदी सहमति जताई और '+100' लिखा। इस पर अभी आम यूजर्स कॉमेंट कर रही रहे थे कि अनुपम खेर ने देर रात 9:55 बजे एक लंबा चौड़ा रिप्लाई कर हंसल मेहता को निशाने पर ले लिया। अनुपम खेर ने लिखा कि इस मामले में पाखंडी वीर सांघवी नहीं, बल्कि हंसल मेहता हैं
अनुपम खेर ने हंसल मेहता को कहा 'पाखंडी'
अनुपम खेर ने लिखा, 'इस थ्रेड में वीर सांघवी पाखंडी नहीं है। उन्हें किसी भी फिल्म को पसंद नहीं करने की आजादी है। लेकिन मेहता हंसल तो 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के क्रिएटिव डायरेक्टर थे। वह इंग्लैंड में फिल्म की पूरी शूटिंग के दौरान मौजूद थे! उन्होंने अपने क्रिएटिव इनपुट दिए और इसके लिए फीस भी ली होगी। इसलिए उनका वीर सांघवी की टिप्पणी पर उनका 100% कहना बहुत ही गड़बड़ और दोहरे मानदंडों वाला है!
अनुपम बोले- हंसल मेहता, बड़े हो जाओ!
एक्टर ने आगे कहा, 'ऐसा नहीं है कि मैं वीर सांघवी से सहमत हूं, लेकिन हम सभी खराब या उदासीन काम कर सकते हैं। लेकिन हमें इसे स्वीकार चाहिए। हंसल मेहता की तरह लोगों के एक खास वर्ग से कुछ ब्राउनी पॉइंट्स कमाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हंसल मेहता!! बड़े हो जाओ! मेरे पास अभी भी शूट की वो तस्वीरें और वीडियो हैं, जिसमें हम साथ हैं!'
हंसल मेहता ने अनुपम खेर पर किया पलटवार
हंसल मेहता ने भी करीब घंटे भर बाद इस पर जवाब दिया और अनुपम खेर को घेरा। उन्होंने लिखा, 'अनुपम खेर, बेशक मैं अपनी गलतियों को स्वीकार करता हूं। और मैं स्वीकार कर सकता हूं कि मैंने गलती की है। क्या मैं ऐसा नहीं कर सकता हूं सर? मैंने अपना काम उतने ही प्रोफेशनल तरीके से किया, जितना मुझे करने की अनुमति थी। क्या आप इससे इनकार कर सकते हैं? लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे फिल्म का बचाव करते रहना है या इससे मैं अपने फैसले में हुई गलती के बारे में निष्पक्षता खो देता हूं।'
डायरेक्टर ने 'पांखड' पर कही ये बात
हंसल मेहता ने आगे लिखा, 'ब्राउनी पॉइंट्स और पाखंड के बारे में, मैं सम्मानपूर्वक यही कहना चाहता हूं कि आप लोगों का मूल्यांकन उसी पैमाने से कर रहे हैं, जिस पैमाने से आप खुद का मूल्यांकन करते हैं।'
हंसल मेहता ने बाद में किया एक और पोस्ट
हंसल मेहता ने इसके बाद एक और पोस्ट किया, लिखा, 'और वैसे अनुपम खेर सर…आप जो चाहें कह सकते हैं। अगर आप चाहें तो मुझे बुरा-भला कह सकते हैं। अगर मैंने अनजाने में आपको दुख पहुंचाया है तो माफी चाहता हूं। आपको प्यार भेज रहा हूं। जब भी आप चाहें हम बात करेंगे और स्थिति साफ करेंगे। मैं ट्रोल्स को इस मामले को और बिगाड़ने और मौज-मस्ती करने का मौका नहीं दूंगा। शुभ रात्रि, देर से क्रिसमस की बधाई और नए साल की शुभकामनाएं। आपको और सभी हायपर एक्टिव ट्रोल्स को।
लोग बोले- फिल्म झूठी थी, तो आप मना कर सकते थे
जाहिर है, बात सोशल मीडिया पर हो रही है, तो आम लोग भी इस पर प्रतिक्रिया देंगे। एक यूजर ने इस जुबानी जंग पर कॉमेंट करते हुए हंसल मेहता के लिए लिखा, 'अगर आपको पता था कि यह फिल्म झूठ से भरी हुई है तो आप इसे बनाने से मना कर सकते थे। अनुपम खेर एक संघी सोच वाले हैं, इसलिए उनका फैसला समझ में आता है। खैर, खुशी इस बात की है कि ये फिल्म एक बड़ी फ्लॉप रही।
यूजर बोले- पापी पेट के लिए क्या-क्या करना पड़ता है
एक अन्य यूजर ने लिखा है, 'पापी पेट के लिए क्या-क्या करना पड़ता है।' एक तीसरे यूजर ने लिखा, 'जो भी कहिए गलती तो हुई है। उम्मीद है कि इतिहास हंसल मेहता और अनुपम खेर को माफ करेगा।'