कितनी है बुक माय शो के सीईओ आशीष हेमराजानी की नेटवर्थ? 2500 रुपये का टिकट एक लाख में बेचने का है आरोप
Updated on
28-09-2024 01:26 PM
नई दिल्ली: बुक माय शो (BookMyShow) के सीईओ और को-फाउंडर आशीष हेमराजानी (Ashish Hemrajani) को मुंबई पुलिस ने समन जारी किया है। बुक माय शो ऑनलाइन टिकट बेचने का प्लेटफॉर्म है। आशीष को यह समन टिकटों की कालाबाजारी करने के आरोप में जारी हुआ है। आशीष पर आरोप है कि उन्होंने अगले साल होने वाला 'कोल्डप्ले कॉन्सर्ट' के टिकट महंगे दाम पर बेचे हैं। आशीष अरबों रुपये के मालिक हैं।
क्या है कालाबाजारी का मामला?
अगले साल जनवरी में कोल्डप्ले बैंड मुंबई में परफॉर्म करेगा। इसके लिए बुक माय शो पर टिकट की बिक्री की गई थी। वकील अमित व्यास ने इस कॉन्सर्ट के लिए बुक माय शो पर कालाबाजारी का आरोप लगाया है। इस मामले में अमित ने गुरुवार को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई थी। टिकटों को 30 से 50 फीसदी ज्यादा कीमत पर बेचा गया है। इन पर यह भी आरोप है कि 2500 रुपये का टिकट एक लाख रुपये तक बेचा गया है।
पेड़ के नीचे आया आइडिया
आशीष को बुक माय शो का आइडिया एक पेड़ के नीचे आया था। दरअसल, दो साल तक जॉब करने के बाद वह छुट्टियां मनाने दक्षिण अफ्रीका गए थे। वहां वह खाली समय में पेड़ के नीचे बैठ रेडियो पर एक प्रोग्राम सुन रहे थे। उस प्रोग्राम में उन्होंने रग्बी गेम की टिकट के बारे में विज्ञापन सुना। यहां उन्हें आइडिया आया कि क्यों न ऐसा ही कुछ फिल्मों की टिकट के लिए भी किया जाए। भारत लौटने से पहले तक उनका पूरा प्लान तैयार था।
साल 1999 में शुरू हुई कंपनी
आशीष ने दो दोस्तों के साथ साल 1999 में बिग ट्री एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की। उस समय देश में इंटरनेट का विस्तार बहुत ज्यादा नहीं था। स्मार्टफोन तो भूल जाइए। ऑनलाइन पेंमेंट के लिए भी कोई एप्लीकेशन नहीं थी। ऐसे में आशीष के सामने कई चुनौतियां थीं। कुछ समय बाद कंपनी का नाम बदलकर गो फॉर टिकिटिंग हो गया। उस समय डॉट कॉम इंडस्ट्री की काफी डिमांड थी। ऐसे में जेपी मोर्गन चेस ने गो फॉर टिकिटिंग के अपने सारे शेयर्स न्यूज कॉर्पोरेशन को बेच दिए। अब कंपनी का ब्रांड नेम इंडिया टिकिटिंग हो गया था।
ऐसे आया कंपनी में बूम
साल 2002 में एक ऐसा दौर भी आया जब डॉट कॉम इंडस्ट्री का पूरा मार्केट क्रेश हो गया था। इसका असर आशीष की कंपनी पर भी पड़ा। 150 से ज्यादा कर्मचारियों वाली इस कंपनी में महज 6 लोग बचे। हालात कंपनी को बंद करने के भी आ गए थे। कई शहरों में शुरू किए गए कॉल सेंटर्स को बंद करना पड़ा।
साल 2006 में डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड का जमाना आया। नेट बैंकिंग की शुरुआत हो गई। थियेटरों और मल्टीप्लेक्सों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ। इससे आशीष की कंपनी को भी फायदा हुआ। साल 2007 में उन्होंने कंपनी के ब्रांड नेम को बदलकर 'बुक माय शो' रख लिया। साल 2011 में ही कंपनी नए मुकाम पर पहुंच गई और करीब 16 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त किया। इसके बाद आशीष ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
कितनी है आशीष की नेटवर्थ?
आशीष का जन्म साल 1975 में हुआ था। इनकी स्कूली शिक्षा जुहू में स्थित मानेकजी कूपर एजुकेशन ट्रस्ट से पूरी हुई है। इसके बाद मिठीबाई कॉलेज से ग्रेजुएशन और सिडेनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से एमबीए किय। पढ़ाई के बाद उन्होंने एडवरटाइजिंग कंपनी जे वाल्टर में जॉब शुरू कर दी थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आशीष की नेटवर्थ 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। वहीं इनकी कंपनी बुक माय शो की अनुमानित वैल्यूएशन 7500 करोड़ रुपये है।
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