सौदे के पूरा होने के बाद कंपनी का नाम बदलकर AWL, AWL एग्री बिजनस या फॉर्च्यून एग्री बिजनस कर दिया जाएगा। अडानी विल्मर के FMCG पोर्टफोलियो ने इस वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में साल-दर-साल 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इसका खाद्य तेल बिजनस मुख्य रूप से फॉर्च्यून की पहुंच 2.1 मिलियन आउटलेट तक है। घटती हिस्सेदारी के बावजूद कंपनी के रेवेन्यू में एडिबल ऑयल बिजनस की हिस्सेदारी 80% है। भारत में विल्मर ग्रुप की श्री रेणुका शुगर्स में भी 62.5% हिस्सेदारी है। OFS की टर्म शीट से पता चलता है कि पांच ब्रोकर एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग, ICICI सिक्योरिटीज, जेफरीज इंडिया, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट और SBICAP सिक्योरिटीज इस ऑफर को मैनेज कर रहे हैं।