’’सेवा ही सर्वाेपरि’’ छत्तीसगढ़ शासन का मूल मंत्रः- मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े

Updated on 15-12-2024 02:13 PM

सूरजपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सुशासन के एक वर्ष का पूरा होने पर आज जिला कार्यालय में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने प्रेसवार्ता लेकर विष्णुदेव साय सरकार की विभिन्न योजनाओं की सिलसिरेवार उपलब्धियां बताई। उन्होंने कहा  ’’सेवा ही सर्वाेपरि’’  छत्तीसगढ़ शासन का मूल मंत्र है जिसका अनुसरण करते हुए राज्य सरकार ने 01 वर्ष पूर्ण कर लिया है।

उन्होंने प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को साझा किया और बताया कि कैसे एक साल में राज्य ने विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सुशासन की स्थापना के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, पारदर्शिता को बढ़ावा दिया और प्रशासनिक सुधारों के जरिए जनता तक बेहतर सेवाएं पहुंचाने की दिशा में काम किया। इस अवसर पर पूर्व गृह मंत्री  रामसेवक पैकरा, बाबूलाल अग्रवाल, मुरली मनोहर सोनी, शशिकान्त गर्ग  संदीप अग्रवाल, बसन्त कुशवाहा,  राजेश्वर तिवारी, अरविन्द मिश्रा, शिव शंकर साहू, पत्रकार बंधु, कलेक्टर  एस जयवर्धन, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

      मंत्री ने बताया कि 13 दिसम्बर को हमारी सरकार का पहला साल पूरा हो गया है। हमारा यह पहला साल आप सभी की सहभागिता और विश्वास के साथ विकास के लिए समर्पित रहा। बीते 12 महीनों में मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रदेश ने विकास के अनेक नये आयाम स्थापित किए हैं।

इनमें से कुछ आप लोगों के साथ साझा कर रही हूं। इस एक साल में हमारी सरकार ने प्रदेश के सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम किया और उपलब्धियां हासिल की, हमारी प्राथमिकता में वे लोग रहे जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के नागरिकों से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद हम प्रदेश में सुशासन की स्थापना करेंगे।

भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करेंगे। आप लोगों ने देखा कि सरकार बनते ही हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ किस तरह तत्परता के साथ कार्यवाही की। जो लोग भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त पाए जा रहे हैं, उन्हें जेल भेजा जा रहा है।

    सुशासन की स्थापना के लिए हम तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। सुशासन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमारी सरकार ने सुशासन एवं अभिसरण नाम से नया विभाग बनाया है। हमारा प्रयास है कि आम नागरिकों को छोटे छोटे कामों के लिए दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। एक क्लिक में अथवा एक फोन कॉल में उनके काम हो जाने चाहिए। विधानसभा चुनाव के दौरान हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रदेश के लोगों को जो गारंटियां दी थी, उनमें से अधिकांश गारंटियों को हमारी सरकार ने एक वर्ष की अल्प अवधि में ही पूरा कर दिया है।


मोदी जी की गारंटियां पूरी की


मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने किसानों से किया गया वादा पूरा करते हुए 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान की रिकॉर्ड खरीदी की। हमारी सरकार ने अपने वादे के मुताबिक किसान भाई-बहनों को दो साल के बकाया धान बोनस की राशि 3716 करोड़ रुपए का अंतरण भी किया। प्रदेश की माताओं-बहनों से किए गए वादे को पूरा करते हुए तीन माह के भीतर ही महतारी वंदन योजना शुरू की गई। इसका लाभ 70 लाख माताओं-बहनों को मिल रहा है। अब तक इस योजना की 10 किश्तों में 6530 करोड़ रुपए अंतरित किए जा चुके हैं। जरूरतमंद परिवारों के लिए 18 लाख प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराने के अपने वादे को पूरा करने के लिए सरकार बनने के दूसरे ही दिन कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया। इस निर्णय पर तेजी से अमल करते हुए आवासों के निर्माण के लिए बड़ी राशि भी जारी की गई। हमारी सरकार ने प्रदेश के 68 लाख गरीब परिवारों को पांच साल तक मुफ्त राशन देने की योजना शुरू की। लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन बहाल करने के साथ-साथ पांच साल के एरियर्स का भुगतान भी किया। इस तरह हमारी सरकार ने यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी की अधिकांश गारंटियों को एक साल के भीतर ही पूरा कर दिया है।


अंत्योदय के लक्ष्य की ओर


मंत्री ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के संदेश के अनुरूप हमारी सरकार ने प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक विकास को पहुंचाने के लिए लगातार काम किया है। हमारी सरकार ने राज्य के जनजातीय समाज के गौरव को फिर से ऊंचाई पर स्थापित करने में सफलता प्राप्त की है। उनकी आय और रोजगार में वृद्धि के लिए अनेक कदम उठाए गए। तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 4 हजार रुपए मानक बोरा से बढ़ाकर 5 हजार 500 रुपए मानक बोरा कर दी गई।


जनजातीय क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास


मंत्री ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में सड़क व अन्य सुविधाओं का विस्तार किया गया है। अम्बिकापुर के हवाई अड्डे से भी अब हवाई सेवा की शुरुआत हो गई है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विकास के लिए गठित प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व को और मजबूत किया गया है। साथ ही छत्तीसगढ़ जनजातीय सलाहकार परिषद का गठन भी किया गया है।


जनजातीय समाज का गौरव बढ़ा


जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राज्य के बैगा, गुनिया, सिरहा को सालाना पांच-पांच हजार रुपए की सम्मान निधि दी जाएगी । जनजातीय गांवों में अखरा निर्माण विकास योजना शुरू की गई है। जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा नायकों की स्थान-स्थान पर प्रतिमाएं लगाने का निर्णय भी लिया गया है।


पर्यटन से जनकल्याण


बस्तर में पर्यटन कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। यह बड़ी उपलब्धि है कि कांगेर घाटी के गांव धुड़मारास ने अब विश्व पर्यटन के नक्शे पर जगह बना ली है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने इस गांव में पर्यटन के विकास के लिए इसे दुनिया के चुनिंदा 20 गांवों में शामिल किया है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के गठन से भी राज्य में पर्यटन के विकास की संभावनाओं को बल मिला है। राज्य में पांच शक्तिपीठों का विकास किया जा रहा है। इसके लिए चार धाम की तर्ज पर एक हजार किलोमीटर की परियोजना शुरू की जा रही है। छत्तीसगढ़ के साथ भगवान राम का गहरा नाता है। वे हमारे भांजे हैं। उन्होंने वनवास के 14 सालों में से 10 साल यहीं गुजारे। हमारी सरकार की कोशिश है कि दुनिया भगवान श्रीराम से हमारे इस रिश्ते को जानें। प्रदेश में श्री रामलला दर्शन योजना शुरू करके हमने यहां के श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या धाम की निःशुल्क यात्रा की व्यवस्था की, ताकि भगवान राम से अपने रिश्ते को और सघन कर सकें। हम मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना भी शुरू कर रहे हैं। हमने राजिम कुंभ कल्प का वैभव फिर से लौटाया है।


रोजगारपरक नयी उद्योग नीति


हमारी नई उद्योग नीति से राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में भी विकास की नई संभावनाओं का सृजन हुआ है। यह नीति प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी। हमने इस नीति को रोजगार परक बनाया है। नई उद्योग नीति में युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इसमें पर्यटन को भी उद्योग के रूप में शामिल किया गया है। साथ ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को भी रियायत देने का विशेष प्रावधान है। राज्य में एमएसएमई को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए एमएसएमई मंत्रालय बनाने की घोषणा कर दी गई है। नयी उद्योग नीति में अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर, भूतपूर्व सैनिकों, नक्सल प्रभावित, आत्म- समर्पित नक्सलियों एवं तृतीय लिंग के उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान है।


सुशासन का वादा निभाया


हमने वादा किया था कि हम राज्य में सुशासन स्थापित करेंगे। इसके लिए तकनीक का प्रयोग करते हुए शासन-प्रशासन को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में हमें अच्छी कामयाबी मिली है। भ्रष्टाचार के मामले में हमने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के सुशासन के सपने को हम लगातार साकार कर रहे हैं।


राज्य में गुड गवर्नेंस स्थापित करने के लिए शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों की रियल टाइम मॉनिटरिंग अटल मॉनिटरिंग पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। सीएमओ पोर्टल के माध्यम से कोई भी नागरिक शासन की योजनाओं, कार्यक्रमों, नीतियों और उपलब्धियों की ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर सकता है। नागरिकगण मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों से सहजता से मुलाकात कर सकें इसके लिए मंत्रालय में प्रवेश के लिए स्वागतम पोर्टल और घर बैठे रजिस्ट्री के लिए सुगम एप शुरू किया गया है। राज्य के कार्यालयों में कामकाज में तेजी और सटीकता लाने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली शुरू की गई है। खनिजों के ऑनलाइन ट्रांजिट पास की व्यवस्था की गई है। जेम पोर्टल के माध्यम से शासकीय खरीदी और सेवाएं प्राप्त करने को अनिवार्य किया गया है। पुराणों में जिसे राम-राज कहा गया है, उसे ही हम सुशासन कहते हैं।


नक्सलवाद का सफाया, दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचा लोकतंत्र


पिछले एक वर्ष के दौरान प्रदेश में नक्सलवाद का तेजी से उन्मूलन किया गया है। सरकार ने दो साल में छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया करने का संकल्प लिया है। बीते एक वर्ष में 213 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। करीब 1750 नक्सलियों को या तो आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया गया है, या फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। हमारी एक बड़ी कामयाबी यह भी है कि हम नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए। हमने नक्सल क्षेत्रों में बंद पड़े स्कूलों को फिर से शुरू कराया है। बस्तर में बस्तर ओलंपिक का आयोजन करके हमने वहां के युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा है। माओवादी आतंक पीड़ित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए ब्याज रहित ऋण तथा शेष जिलों के विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देने का निर्णय लिया गया है।


शिक्षा की नयी अलख जगाई है


राज्य में नई शिक्षा नीति लागू करके शिक्षा को रोजगार परक बनाया है। राज्य की प्रतिभाओं को निखारने के लिए रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश की 13 नगरीय निकायों में हाईटेक लाइब्रेरियों के निर्माण का निर्णय लिया गया है। अपने वादे के मुताबिक हमने सीजीपीएससी परीक्षा प्रणाली को बेहतर बनाया है। पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षाएं हुई और उनके परिणाम घोषित हुए। इससे राज्य की प्रतिभाओं का विश्वास सीजी पीएससी पर लौट आया है। नवा रायपुर को हम आईटी हब के रूप में विकसित कर रहे हैं। रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमी कॉरिडोर का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे नवा रायपुर और भी तेजी से विकसित होगा। सिम्स बिलासपुर में 200 करोड़ रुपए की लागत से भवन विस्तार का कार्य किया गया है। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री जी ने किया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर में भी भवन विस्तार और सुविधाओं का विकास तेजी से किया जा रहा है। राज्य में चार मेडिकल कॉलेजों के भवनों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जांजगीर-चांपा, कबीरधाम, मनेन्द्रगढ़ और गीदम मेडिकल कॉलेजों की निर्माण के लिए 1020 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।


केंद्र का साथ, सहयोग और मार्गदर्शन बनी ताकत


प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने से एक साल में राज्य ने बहुत तेजी से प्रगति की है। केन्द्र से हमें भरपूर सहयोग और समर्थन मिला है। इस दौरान 31 हजार करोड़ रुपए की सड़क परियोजनाएं छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत की गई है। दो सालों में छत्तीसगढ़ में सड़कों का मजबूत नेटवर्क होगा। साथ ही रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए हमें केन्द्र से अनेक महत्वपूर्ण रेल लाइनों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। यह छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष है। हमने इस खास वर्ष में खास उपलब्धियां हासिल करने के लिए खास तैयारियां शुरू कर दी हैं।


01 नवंबर 2025 को जब हम प्रदेश स्थापना की रजत जयंती मनाएंगे, तब हम नयी उपलब्धियों का जश्न मनाएंगे।


हमने वर्ष 2028 तक प्रदेश की जीएसडीपी को दस लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। हमारे विकास और विश्वास की इस यात्रा में आप हमेशा साक्षी और सहभागी रहे हैं।  शासन के विकास कार्यों और लोक हितकारी योजनाओं को जनता के बीच में ले जाने आप सबका सहयोग महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर मैं आप सबको भी धन्यवाद देती हूं। प्रदेश की सम्माननीय जनता का उनके समर्थन और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करती हूं। हम सभी छत्तीसगढ़ को विकसित बना कर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने में अपना अमूल्य योगदान देंगे।



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