सोमवार को भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के द्वारा बैतूल के आदिवासी नायकों पर आधारित फिल्म 'जंगल सत्याग्रह' का प्रीमियर शो रखा गया। फिल्म में 1930 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जल, जंगल और जमीन के लिए आदिवासी नायकों का संघर्ष दिखाया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का कांग्रेस नेताओं के साथ ही सीएम डॉ. मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व सीएम उमा भारती सहित तमाम भाजपा नेताओं, विधायकों को भी दिया था। लेकिन फिल्म के प्रीमियर शो में कोई भी भाजपा नेता शामिल होने नहीं पहुंचे।
फिल्म के डायरेक्टर प्रदीप उईके ने कहा कि, मैं पीएससी का एग्जाम दे रहा था उसमें जंगल सत्याग्रह पर प्रश्न पूछा गया। उसके बाद मैंने सरदार गंजन सिंह कोरकू के बारे में पढ़ना शुरू किया। 3 साल में पूरी कहानी खोज पाया। इस फिल्म को बनाने के लिए मैने समाज के लोगों से मदद मांगी। और आदिवासियों पर बनी फिल्म के लिए एक करोड़ तक राशि जुटाने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। प्रदीप ने दिग्विजय सिंह को आदिवासी हितैषी बताया।
कार्यक्रम में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, कांतिलाल भूरिया, ओंकार सिंह मरकाम, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, कमलेश्वर पटेल विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह मौजूद रहे।
फिल्म में रोल निभाने वाले पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि, फिल्म के माध्यम से हमने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में आदिवासी नायकों के योगदान को दिखाने का प्रयास किया है। विषम परिस्थितियों होने के बाद भी हमारे आदिवासी नायकों ने हथियार लेस अंग्रेजों से कड़ा मुकाबला किया। अपने प्राणों की आहुति दी। स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों नायकों के द्वारा दिए गए योगदान को प्रदर्शित करने की कोशिश की है। जल, जंगल, जमीन के आंदोलन से यह फिल्म प्रेरित है। आने वाली पीढ़ी इन नायकों से सीख ले यही हमारा प्रयास है।
दिग्विजय बोले- आदिवासी डायरेक्टर ने फिल्म बनाई
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जंगल सत्याग्रह फिल्म के लेखक एवं डायरेक्टर प्रदीप उइके को बधाई दी। कहा कि बैतूल के एक सुशिक्षित आदिवासी डॉ. प्रदीप उइके ने जंगल सत्याग्रह पर एक फीचर फिल्म बनाई है।
उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि ये पहला प्रयास है हमारे आदिवासी भाइयों का जहां उन्होंने अपने ही प्रयासों से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ ही नहीं लेकिन आदिवासियों के हित में एवं उनके बलिदानी इतिहास के संबंध में उन्होंने ये फिल्म बनाई है।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा-
'जंगल सत्याग्रह' फिल्म केवल एक फिल्म नहीं है बल्कि मध्यप्रदेश के आदिवासी नायकों के अदम्य साहस, त्याग और स्वाभिमान की जीवंत गाथा है। यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि कैसे मध्यप्रदेश के आदिवासी नायकों ने 1930 में अंग्रेजी हुकूमत के अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद कर अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे दी।