रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में गोकशी के मामले ने राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव से पहले इस मुद्दे को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखा आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है।
पहले मामले में यह दावा किया गया था कि गोकशी के आरोपियों का कांग्रेस से संबंध है। इसके बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोपी का भाजपा कनेक्शन उजागर किया। कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तस्वीर साझा करते हुए दावा किया कि गोकशी के आरोपी भाजपा नेताओं के करीब हैं।
कांग्रेस का भाजपा पर हमला
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें पोस्ट कीं। इनमें गोकशी के आरोपी मुंतजिर हैदर पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व सभापति नगर निगम रायपुर प्रफुल्ल विश्वकर्मा के साथ दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस ने लिखा, “लो भाई, राजधानी में हुए गौतस्करी काण्ड का आरोपी निकला भाजपाई। प्रफुल्ल विश्वकर्मा और राजेश मूणत के खास समर्थक मोहम्मद मुंतजिर हैदर ही बेच रहे थे गौमांस।”
स्थानीय निवासियों ने लगाए गंभीर आरोप
स्थानीय मुस्लिम निवासी ने दावा किया कि यह गतिविधि लंबे समय से चल रही है। उन्होंने कहा, “यह तो अभी एक परिवार को पकड़ा गया है। चार-पांच परिवार ऐसे हैं, जो यही काम करते हैं। पुलिस को पहले भी जानकारी दी गई थी, लेकिन रिश्वत के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
निवासी ने यह भी आरोप लगाया कि मस्जिद के अध्यक्ष हैदर अली, जो कांग्रेस नेता हैं, इन गतिविधियों में लिप्त हैं।
पुलिस ने की कार्रवाई
मामला तब सामने आया जब 8 और 9 जनवरी की रात पुलिस ने रायपुर के मोमिनपारा इलाके में छापा मारा। तलाशी के दौरान मौके से गौमांस, मांस काटने के उपकरण, चाकू और तराजू बरामद किए गए। इस मामले में खुर्शीद अली, उनके बेटे समीर और अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी और उसके बेटे इस अवैध धंधे को लंबे समय से चला रहे थे।
राजनीतिक माहौल गरमाया
इस प्रकरण ने राजनीतिक दलों को एक-दूसरे पर आरोप लगाने का मौका दे दिया है। कांग्रेस ने जहां भाजपा नेताओं पर सवाल उठाए हैं, वहीं भाजपा ने कांग्रेस नेताओं की संलिप्तता को लेकर हमला तेज कर दिया है।
गोकशी के इस मामले ने रायपुर में न सिर्फ सामाजिक बल्कि राजनीतिक माहौल को भी गरमा दिया है। आगामी चुनावों के मद्देनजर इस मुद्दे का असर राजनीतिक समीकरणों पर पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में सच्चाई क्या है और पुलिस की जांच कहां तक पहुंचती है।