सीनियर एड्वोकेट मुकुल रोहतगी एक बार फिर भारत के एटॉर्नी जनरल का पद
संभाल सकते हैं। खबर है कि एजी तलाश रही सरकार ने रोहतगी के नाम पर मुहर
लगा दी है। वह इससे पहले भी भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली नेशनल
डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) सरकार में 2014 से 2017 के बीच एजी की जिम्मेदारी
संभाल चुके हैं।
रोहतगी 1 अक्टूबर से AG के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत कर सकते हैं। मामले के जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से किए गए अनुरोध के बाद रोहतगी ने पद संभालने के लिए सहमति जता दी है। वह मौजूदा AG केके वेणुगोपाल की जगह लेंगे। वेणुगोपाल 30 सितंबर के बाद पद से हटने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं।
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रोहतगी के बाद 15 जुलाई 2017 को वेणुगोपाल को ही एजी की
जिम्मेदारी सौंपी गई थी। साथ ही उन्हें कार्यकाल में तीन बार विस्तार भी
दिया गया। हालिया सुनवाई के दौरान उन्होंने संकेत दिए थे कि वह मौजूदा
कार्यकाल समाप्त होने के बाद एजी के तौर पर अपना सफर जारी नहीं रखेंगे। साल
2020 में तीन साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी उन्होंने पद छोड़ने की
इच्छा जताई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें एजी बने रहने का अनुरोध किया
था।
रोहतगी से भी जारी रही सरकार की चर्चा
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि साल 2017 में
रोहतगी के दफ्तर छोड़ने के बाद भी सरकार आर्टिकल 370 को खत्म करने समेत कई
मुद्दों पर चर्चा करती रही है। भारत के हाई प्रोफाइल वकीलों में शुमार
रोहतगी गुजरात दंगा जैसे कई बड़े केस लड़ चुके हैं। उस दौरान उन्होंने
अदालत में गुजरात सरकार का पक्ष रखा था।