जेपी अस्पताल प्रदेश का पहला जिला अस्पताल बन गया है, जहां मरीजों को एमआरआई जांच की सुविधा मिल रही है। रोजाना 10 से 15 मरीजों की जांच हो रही है। वहीं, मशीन की क्षमता की बात करें तो यह एक दिन में करीब 40 जांच कर सकती है। जानकारी के अनुसार, नई सुविधा का औपचारिक उद्घाटन बुधवार को उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल करेंगे। उनके निर्देश पर बिना औपचारिक शुभारंभ के सेवा शुरू कर दी गई, ताकि मरीजों को उपलब्ध सुविधा के बावजूद निजी केंद्रों में जाने को मजबूर न होना पड़े।
एमआरआई जांच केंद्र में मौजूद कर्मचारियों के अनुसार, यह सुविधा एम्स और जीएमसी से कम दामों में उपलब्ध है। यह केवल जेपी अस्पताल के मरीजों के लिए है। उन्हें यह सुविधा सीजीएचएस दरों से भी 30% कम कीमत पर दी जा रही है। वहीं, अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों से आने वाले मरीजों के लिए अलग दरें तय की गई हैं, जिनका खुलासा औपचारिक शुभारंभ के दिन किया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि जेपी अस्पताल समेत प्रदेश के 6 जिला अस्पतालों में एमआरआई जांच शुरू होनी है। जेपी अस्पताल के बाद यह सुविधा ग्वालियर के जिला अस्पताल में शुरू की जाएगी।
इन अस्पतालों में 1.5 टेस्ला एमआरआई मशीन से ट्यूमर, आर्थराइटिस, फेफड़ों में संक्रमण, कंधे की चोट, सिर की चोट, कैंसर समेत कई अन्य बीमारियों की जांच की जा सकेगी। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग इन मशीनों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर स्थापित कर रहा है।
यह सुविधा आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत मरीजों के लिए निःशुल्क होगी। जांच की दरें 1200 रुपए से शुरू होकर 5100 रुपए तक होंगी।