पूर्व में एटीएस ने हिमांशु सहित जिन छह लोगों को हिरासत में लिया था, उनमें दो मध्य प्रदेश और चार बिहार के रहने वाले हैं। इनके पास से पांच क्यूआर कोड, बड़ी संख्या में सिम कार्ड, 85 डेबिट कार्ड, 14 लैपटॉप और एक टैबलेट बरामद किया गया।
एटीएस अब यह जांच कर रही है कि आरोपितों ने साइबर धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट की कितनी घटनाओं को अंजाम दिया। जब्त डिवाइसों की जांच में बड़े स्तर पर धोखाधड़ी का राजफाश हो सकता है। बता दें कि क्यूआर कोड और डेबिट कार्डों का उपयोग लोगों से पैसे ऐंठने के लिए करने की गुप्त सूचना एटीएस को मिली थी।
सतना के रहने वाले मासूक और चंचल विश्वकर्मा के विरुद्ध पहले से मध्य प्रदेश के साइबर थाने में प्रकरण दर्ज था। पुलिस की जांच में सामने आया था कि साइबर ठगी के लिए उपयोग किए गए खातों से राशि दूसरे देशों में भेजी जा रही है।
इसका उपयोग टेरर फंडिंग में होने के संदेह के चलते मध्य प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने सात जनवरी को सुबह साढ़े पांच बजे गुरुग्राम के धनेरा क्षेत्र स्थित सेरेनास टावर-तीन के एक फ्लैट से दबिश दी थी।
यहां से मासूक और चंचल के अतिरिक्त हिमांशु कुमार, रामनाथ कुमार, गोविंद कुमार और नीरज यादव को हिरासत में लिया था। इनमें मासूक और चंचल मध्य प्रदेश और बाकी बिहार के हैं। इनमें से हिमांशु कुमार की मौत हो गई।