पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना पर एमपी और राजस्थान सहमत, ग्वालियर-चंबल व आगर-मालवा के 13 जिलों में होगा पानी ही पानी
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05-12-2024 12:18 PM
भोपाल। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना का काम शुरू करने के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों के बीच मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओपी) पर हस्ताक्षर किया जाएगा।प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को मंत्रालय में जानकारी दी कि मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना पर एमओपी पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत हो गई हैं।दोनों राज्यों में 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी
एमओपी पर हस्ताक्षर होते ही दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच नदियों को जोड़ने (पार्वती-कालीसिंध-चंबल) की महत्वपूर्ण परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।
इस परियोजना के लिए 75 हजार करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर इस साल जुलाई में ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। अब दोनों राज्यों के बीच जल्द ही एमओपी पर हस्ताक्षर किया जाएगा।
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि यह परियोजना मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल और आगर-मालवा क्षेत्रों के 13 जिलों को पानी उपलब्ध कराएगी। इससे दोनों राज्यों में कम से कम 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई में भी मदद मिलेगी।
इस साल जुलाई की शुरुआत में मध्य प्रदेश की यात्रा के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा था कि नदी जोड़ परियोजना से दोनों राज्यों को फायदा होगा, जिससे राज्यों के बीच संबंध भी मजबूत होंगे।
पार्वती नदी का विशेष योगदान
पार्वती नदी मध्य प्रदेश और राजस्थान से बहने वाली चंबल नदी की तीसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है। यह मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में आष्टा के पास 609 मीटर की ऊंचाई पर विंध्याचल पर्वतमाला से निकलती है और राजस्थान के कोटा जिले में चंबल नदी में मिलती है।