भेल के बरखेड़ा अयप्पा मंदिर में शनिवार को मकर विलक्कू पर्व के चलते मंदिर परिसर में अग्नि पूजा (आझी-पूजा) का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने नंगे हाथों से अंगारे छिड़ककर पवित्र अग्नि की परिक्रमा की। इस दौरान ‘स्वामी शरणम अयप्पा’ के उद्घोष से वातावरण गुंजायमान था।
समिति के सदस्य निदिश नायर ने बताया कि जैसे-जैसे पूजा का उन्माद बढ़ा, भक्तों ने हृदय की अशुद्धियों को जलाने के लिए अग्नि की ओर बढ़कर अपने हाथों से अंगारे छिड़के। अयप्पा भक्तों का मानना है कि भगवान की भक्ति के माध्यम से जब आत्मा का शुद्धिकरण होता है, तो आत्म-साक्षात्कार प्राप्त होता है।
मंदिर को फूलों की माला से सजाया गया था और संध्या के समय मंदिर में आलविलक्कु और तट्टूविलक्कु दीपों को प्रज्वलित किया गया। शाम 6:15 बजे दीप आराधना का आयोजन किया गया, जिसमें 1,000 से ज्यादा दीपकों को भक्तों ने अपनी श्रद्धा से जलाया। दीप आराधना के बाद कपूर ज्योति से आरती की गई, जिसे भक्तों ने अपनी नाम राशि से बुक किया था
इस अवसर पर मंदिर समिति द्वारा आतिशबाजी का भी आयोजन किया गया। दीप आराधना के बाद भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न भक्तजन अपने पसंदीदा भजन गाते हुए श्रद्धा अर्पित कर रहे थे। इस आयोजन में मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ. एस ए पिल्लई, सचिव जी विजयन और अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।