नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज की शुरुआत हो चुकी है। पहला मुकाबला नागपुर के विदर्भ क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है। मैच शुरू होने से पहले यहां की पिच को लेकर खूब हो हल्ला हुआ था। खास तौर से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पिच को लेकर काफी निराश थे। कंगारू टीम के कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने तो आईसीसी से नागपुर की पिच को लेकर दखल देने की मांग कर दी। वहीं भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने अपने बिंदास अंदाज में कह दिया कि पिच कैसा भी हमें अच्छा क्रिकेट खेलने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे में दोनों पक्षों की तरफ से अलग-अलग दलीलें दी गई लेकिन नतीजा यह हुआ कि जिस तरह की पिच बनी थी उसी पर खेल शुरू हुआ।नागपुर की इस पिच विवाद से एक ऐसी घटना की याद ताजा हो गई जब भारतीय टीम 1989-90 में पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। इसी दौरे पर भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था। भारतीय टीम को इस दौरे पर चार टेस्ट और इतने वनडे मैचों की सीरीज खेलनी थी। भारत के इसी दौरे को याद करते हुए पूर्व ओपनर बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने सियालकोट टेस्ट के लिए तैयार की गई हरी पिच को लेकर एक रोचक किस्सा बताया।सिद्धू ने बताया कि भारतीय टीम जब सियालकोट खेलने पहुंची तो पाकिस्तानी टीम ने वहां की पिच पर एक से डेढ़ इंच की घास छोड़ने के लिए कहा। इमरान खान ने साफ कह दिया था कि अगर पिच की घास कटी तो गर्दन काट दिया जाएगा। हमें हिंदुस्तानियों को किसी भी हाल में हराना है लेकिन इसी पिच सचिन तेंदुलकर ने जिस तरह की बल्लेबाजी की वह इतिहास बन गया।
सिद्धू ने बताया, 'सियालकोट टेस्ट से पहले सचिन तेंदुलकर बुरी तरह से फ्लॉप रहे थे। सचिन का यह डेब्यू सीरीज भी था और उनको लेकर कहा जा रहा था कि भेड़िए के सामने बच्चे को छोड़ दिया गया है। वकार यूनुस, वसीम अकरम और इमरान खान के आगे पूरी भारतीय टीम लड़खड़ा गई थी लेकिन सियालकोट में 15 साल के बच्चे की ऐसी दहाड़ गूंजी कि फिर उसे पूरी दुनिया ने सुना।
सिद्धू बताते हें कि, सियालकोट टेस्ट के पांचवें दिन भारतीय टीम सिर्फ 25 रन पर पांच विकेट गंवा दिए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी के लिए। सीरीज उनके कुछ खास नहीं था तो मैंने सोचा चलो यह भी जल्दी आउट हो जाएगा तो मैच खत्म होगा।
उन्होंने बताया, सचिन जब बल्लेबाजी करने उतरे गेंदबाजी के लिए सामने वकार यूनुस थे। वकार अपने समय के सबसे बेरम तेज गेंदबाज थे। वकार ने दूसरी ही गेंद पर सचिन को बाउंसर मारी और उन्होंने हूक कर गिया लेकिन गेंद इनसाइड एज लगकर उनकी नाक पर जा लगी। मैं देखकर सिहर सा गया। उसकी नाक से खून की धार गिरने लगी। डॉक्टर मैदान पर आए उसकी नाक पोछा लेकिन 15 साल सचिन जिस दिलेरी से कहा मैं खेलूंगा वह सुनकर मुझे यकीन नहीं हुआ। सचिन के नाक में खून सनी रूई लटक रही थी और वह बल्लेबाजी के लिए तैयार था।
सिद्धू ने कहा, फिर मैंने सोचा जब 15 साल का बच्चा अपने देश के लिए लड़ने का हौसला रखता है तो फिर मैं क्यों नहीं ऐसा कर सकता हूं।
सचिन की दिलेरी से मैच हुआ ड्रॉ
सियालकोट टेस्ट के आखिरी दिन सचिन ने वसीम अकरम, वकार युनूस और इमरान खान का दिलेरी से सामना किया। सचिन ने टीम इंडिया के लिए दूसरी पारी में 134 गेंद में 57 रनों की बेहतरीन पारी खेली। मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मैच में 324 रन बनाए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान टीम 250 रन ही बना सकी थी। पहली पारी में भी सचिन ने 35 रन बनाए थे। वहीं दूसरी पारी में टीम इंडिया 7 विकेट पर 234 रन बनाई थी लेकिन इसके बाद पाकिस्तान की बल्लेबाजी नहीं आई जिसके कारण मैच की समाप्ति ड्रॉ पर हुई।
सचिन चार टेस्ट मैचों की इस सीरीज में टीम इंडिया के लिए 292 रन बनाए थे। पाकिस्तान के इसी दौरे से सचिन ने वनडे में भी डेब्यू किया था।