पूर्व राज्यसभा सांसद व BJP नेता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने 6 हफ्ते के अंदर बंगले को खाली करके उसे संबंधित अधिकारियों को सौंपने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा कि डॉ सुब्रमण्यम स्वामी को निर्विवाद रूप से आवंटन पांच साल के लिए किया गया था, जिसकी अवधि अब समाप्त हो गई है। कोर्ट को ऐसी कोई भी बात नहीं दिखाई गई, जिससे यह दिखे कि Z+ सिक्योरिटी प्राप्त व्यक्ति को सरकारी आवास की आवश्यकता हो।
दरअसल डॉ सुब्रमण्यम स्वामी का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2022 में समाप्त हो गया है। नियम के अनुसार कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद सरकारी आवास खाली कर देना होता है, लेकिन सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका दायर करके फिर से सरकारी आवास आवंटित करने की मांग की थी।
केंद्र सरकार ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका का किया विरोध
दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त
सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी के Z+ सिक्योरिटी को
डाउनग्रेड नहीं किया गया है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी
2016 में सरकारी आवास आवंटित किया गया था, अब उनका कार्यकाल समाप्त हो गया
है। उन्हें सरकारी आवास खाली कर देना चाहिए, क्योंकि अन्य मंत्रियों और
सांसदों को सरकारी आवास आवंटित करने की आवश्यकता है।