प्याज पर लोकसभा चुनाव के बीच में लिया था निर्णय
इस साल मई में लोकसभा चुनाव हुए थे। सरकार ने लोकसभा चुनावों के बीच प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटा लिया था। हालांकि एमईपी 550 डॉलर प्रति टन तय किया था। सरकार ने प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाने का आदेश जारी रखा था। पिछले साल अगस्त में सरकार ने 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था। उसके पहले 8 दिसंबर 2023 को इस साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया था।
प्याज और चावल की कीमत पर क्या पड़ेगा असर?
सरकार के इस कदम से प्याज की कीमतों में तेजी आ सकती है। अभी भी प्याज खुदरा बाजार में 80 रुपये किलो मिल रही है। प्याज पर MEP की सीमा हटा लेने के बाद दूसरे देशों में प्याज का एक्पोर्ट तेजी से होगा। ऐसे में घरेलू बाजार में प्याज की कमी देखी जा सकती है। इससे प्याज के दाम में इजाफा हो सकता है। यही बात बासमती चावल पर लागू होगी। इसकी भी कीमत में तेजी देखी जा सकती है।