चीन की तरफ से अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर लगाया गया टैरिफ आज यानी सोमवार से लागू होगा। चीन ने यह टैरिफ अमेरिका की तरफ से लगाए गए 20% एक्स्ट्रा टैरिफ के जवाब में लगाया है।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 फरवरी को चीन पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का फैसला किया था। एक महीने बाद ट्रम्प ने चीन पर लगाए गए 10% टैरिफ को बढ़ाकर 20% कर दिया।
इसके बाद चीन ने अमेरिका से आने वाले कोयला- LNG पर 15% और कच्चे तेल, कृषि मशीनरी व बड़े इंजन वाली कारों पर 10% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।
चीन को अमेरिका से ढाई गुना ज्यादा नुकसान होगा
दोनों देशों के बीच एक बार फिर से ट्रम्प के पिछले कार्यकाल की तरह टैरिफ वॉर शुरू हो गई है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि इस लड़ाई में चीन को अमेरिका से ढाई गुना ज्यादा नुकसान होगा।
अमेरिकी टैरिफ में लगभग 39 लाख करोड़ रुपए के चीनी सामान शामिल हैं, जबकि चीनी टैरिफ में 1.73 लाख करोड़ रुपए के अमेरिकी सामान शामिल हैं। टैरिफ जंग से 2025 में चीन की इकोनॉमी की रफ्तार 4.1% रह सकती है, यह 2024 की चौथी तिमाही में 5.4% थी।
अगले 4 साल में अमेरिकी GDP 4.77 लाख करोड़ रुपए और चीनी इकोनॉमी में 11 लाख करोड़ रुपए की गिरावट हो सकती है।
चीन-अमेरिका टैरिफ वॉर का भारत पर क्या असर
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के मुताबिक ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में लगाए गए टैरिफ से 2017 और 2023 के बीच भारत चौथा सबसे बड़ा लाभार्थी था। हालांकि इस बार हालात बदल सकते हैं।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी टैरिफ के बाद चीन एशियाई बाजारों में आक्रामक तरीके से अपना निर्यात बढ़ा सकता है।
इससे भारतीय निर्यातकों को रीजनल और ग्लोबल मार्केट में चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसका सीधा असर भारतीय निर्यात पर होगा। इससे ग्लोबल ट्रेड पर भी जोखिम बना हुआ है।
अमेरिका के खिलाफ WTO पहुंचा चीन
आज से चीन पहुंचने वाले अमेरिकी सामान में चिकन, गेहूं, मक्का और कपास पर अब से हाई टैरिफ लगेगा, जबकि सोयाबीन, ज्वार, पोर्क मीट, बीफ, जलीय उत्पाद, फल, सब्जियां और डेयरी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ की दर थोड़ी कम रहेगी।
इसके अलावा चीन ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अपील दायर की है। चीन का कहना है कि अमेरिका का टैरिफ WTO के नियमों का उल्लंघन है।
चीनी अर्थव्यवस्था की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
जनवरी में राष्ट्रपति ऑफिस में लौटते ही ट्रम्प ने चीन, कनाडा और मेक्सिको सहित कई अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ का ऐलान किया। चीन, मेक्सिको और कनाडा को लेकर व्हाइट हाउस का आरोप है कि इन देशों की वजह से अमेरिका में अवैध अप्रवासी और फेंटेनाइल ड्रग्स पहुंच रहा है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रही चीनी अर्थव्यवस्था अमेरिकी टैरिफ से और ज्यादा मुश्किलों में पड़ सकती है। इसका असर भी नजर आने लगा है।
2025 के शुरुआती दो महीनों में चीन का एक्सपोर्ट सिर्फ 2.3% की दर से बढ़ा है, जबकि पिछले साल दिसंबर में इसने 10.7% की वृद्धि दर्ज की थी।