राजधानी में 48 घंटों में साढ़े 14 इंच से ज्यादा पानी बरस गया। 22 से 23 अगस्त तक ऐसी मूसलाधार बारिश हुई कि पूरा शहर अस्त-व्यस्त हो गया। कई इलाके पानी में डूब गए। डैम ओवरफ्लो हो गए। इससे मुसीबतें भी खड़ी हुईं। करीब 60Km प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा ने सैकड़ों पेड़ उखाड़ दिए। इससे बिजली-पानी की सप्लाई दो दिन तक प्रभावित रही। 15 साल बाद अगस्त महीने में भोपाल में सबसे ज्यादा बारिश हुई। पिछले साल की तुलना में भोपाल में अबकी बार 120% बारिश ज्यादा हो गई है। लेकिन वर्ष 2006 में हुई बारिश का रिकॉर्ड अभी नहीं टूटा है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे से जानिए
आखिर दो दिन में भोपाल में क्यों हुई इतनी बारिश...
मौसम वैज्ञानिक पांडे बताते हैं कि इस मानसूनी सीजन में लगातार तीन सिस्टम बने। सिस्टम पुराने ट्रैक पर न जाते हुए थोड़ा नीचे की ओर गया। इससे भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम आदि शहरों में अच्छी बारिश हुई। दो दिन बना सिस्टम इस सीजन का सबसे स्ट्रांग रहा। इस वजह से भोपाल में 18 घंटे तक लगातार बारिश हुई। हवा की गति भी बनी रही। अब तक भोपाल में 66 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से करीब 30 इंच ज्यादा है। इसके पहले 2016 में 56.58 और 2006 में 67.45 इंच बारिश हुई थी। एक से डेढ़ इंच बारिश होने के बाद वर्ष 2006 का रिकॉर्ड टूट जाएगा।
7 दिन यदि पानी बरसा तो नया रिकॉर्ड बनेगा
भोपाल में अगस्त महीने की एवरेज बारिश 13.86 इंच बारिश है। साल 2006 में साढ़े 35 इंच बारिश दर्ज की गई थी, जो पिछले 16 साल में सबसे अधिक है। इसके बाद अब 32 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। 2009 में सबसे कम सिर्फ दो इंच बारिश हुई थी। इस साल सूखे की स्थिति भी निर्मित हो गई थी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगस्त के बाकी बचे सात दिनों में यदि साढ़े 3 इंच बारिश हो गई तो 2006 का रिकॉर्ड टूट जाएगा।