मध्यप्रदेश में पहली बार लोक निर्माण विभाग के एक प्रभारी चीफ इंजीनियर की जूतों चप्पलों से की गई सांकेतिक पिटाई का सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। इसके पहले आज तक शांति का टापू कहे जाने वाले राज्य में किसी अधिकारी के सरकारी बंगले के बाहर ही सार्वजनिक रूप से उसकी सांकेतिक पिटाई होने की घटना नहीं हुई है।
अपनी सार्वजनिक सांकेतिक पिटाई कराकर समूची अफसरशाही को कलंकित करने वाले यह होनहार अधिकारी है ग्वालियर का प्रभारी चीफ इंजीनियर सूपतलाल सूर्यवंशी। इन्हें
सरकारी भवनों के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताएं करने के प्रमाणित आरोप में एक आरोप पत्र थमाकर करीब दो महीने पहले ही पीआईयू ( भवन निर्माण इकाई ) के अतिरिक्त परियोजना संचालक पद से हटाकर ग्वालियर स्थानांतरित कर दिया था।
दरअसल सार्वजनिक सांकेतिक पिटाई का शिकार बने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षित वर्ग की नौकरी हासिल करने वाले भ्रष्टाचार के आरोपी सूपतलाल सूर्यवंशी ने 10 साल से अजाक्स ( अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी अधिकारी संघ ) के महासचिव पद पर कब्जा रखा है। एक साल पहले संगठन के नये प्रांताध्यक्ष बने चौधरी मुकेश मौर्य ने आईएएस अधिकारी जे.एन.कंसोटिया की अध्यक्षता वाली पुरानी कार्यकारिणी भंग कर दी थी ।
इसके बावजूद सूर्यवंशी पद छोड़ने को तैयार नहीं है और पदच्युत कर देने के बावजूद एक साल से वर्तमान चयनित प्रांताध्यक्ष के खिलाफ अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। उनकी हरकतों से गुस्साए अजाक्स के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कल मंगलवार को ग्वालियर में सूर्यवंशी के सरकारी बंगले के बाहर जमाकर होकर पहले तो प्रदर्शन किया और खूब नारेबाजी की। जब इससे भी उनका गुस्सा नहीं थमा तो उन्होंने प्रभारी चीफ इंजीनियर के फोटो पर जूते चप्पलों की बौछार कर दी। इस दौरान तमाम प्रदर्शनकारियों ने अपने अपने गुस्से के हिसाब से उनकी फोटो के मुंह पर जूते चप्पल बरसाए।
ग्वालियर के प्रभारी चीफ इंजीनियर की सार्वजनिक सांकेतिक पिटाई करके रोष जताने वाले प्रदर्शनकारियों के तेवरों से साफ है कि यदि सूर्यवंशी ने भविष्य में अजाक्स संगठन का दुरूपयोग किया अथवा उसके मौजूदा पदाधिकारियों के खिलाफ बेहूदा और झूठी हरकत की तो असलियत में भी उनकी जूतम पैजार होने की संभावना बन सकती है।