महेंद्र सिंह धोनी पर कप्तान बनने के बाद सीनियर्स को नजरअंदाज करने के आरोप हमेशा लगते थे। 2008 में उन्होंने गांगुली और द्रविड़ को वनडे टीम से बाहर कर दिया। फिर 2012 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर त्रिकोणीय सीरीज में उन्होंने सहवाग, सचिन और गंभीर को रोटेट करने का फैसला किया। एक मैच में इन तीनों में से दो को ही मौका मिलता था। यह एक्सपेरिमेंट बुरी तरह फेल रहा और धोनी की खूब आलोचना हुई।
वीवीएस लक्ष्मण ने 2012 में अचानक टेस्ट से संन्यास लिया था। उनसे पूछा गया कि क्या आपने कप्तान धोनी से इस बारे में बात की, तो लक्ष्मण ने कहा था कि मैं कोशिश की थी लेकिन कॉन्टैक्ट नहीं हो पाया। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि लक्ष्मण ने अपनी रिटायरमेंट पार्टी में धोनी को नहीं बुलाया था।