लोक निर्माण मंत्री साहू ने कहा कि हमारे इंजीनियर बहुत प्रतिभाशाली हैं। उनसे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवाचार को लेकर काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि अभी भिलाई स्टील प्लांट से देश भर में हमारी पहचान है। हमारे अभियंताओं को दुर्ग शहर में भी ऐसा कुछ मॉडल वर्क तैयार करना चाहिए, जिससे दुर्ग शहर को भी इंजीनियरिंग नवाचार के लिए याद किया जाए। साहू ने कहा कि हमने इंजीनियर को काम देने के लिए उन्हें बड़े प्रोजेक्ट्स में लगाया है। 5 हजार इंजीनियर विभिन्न प्रोजेक्ट में लगाए गए हैं। लगभग 16 हजार करोड़ रूपए के निर्माण प्रोजेक्ट प्रदेश में चल रहे हैं।
जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि स्वर्गीय विश्वेश्वरैया का योगदान न केवल देश के लिए अहम है अपितु उन्होंने भारतीय प्रतिभा की धाक दुनिया भर में जमाई। चौबे ने कहा कि जिस समय कावेरी नदी में कृष्णराज सागर बांध बनना था और अंग्रेज विशेषज्ञों ने कह दिया था कि यह बांध नहीं बन पाएगा, तब विश्वेश्वरीय ने यह चुनौती स्वीकार की और बांध का निर्माण कर दिखाया, जो इंजीनियरिंग का अपने समय का अद्भुत नमूना था। उन्होंने कहा कि जब हम अपनी जल संसाधन संरचनाओं को देखते हैं, जो 100 साल तक भी पुरानी है, तो हमें लगता है कि कितनी मजबूती से हमारे इंजीनियर्स ने इन्हें बनाया होगा और तब हमें अपने अभियंताओं के ऊपर गर्व और भी बढ़ जाता है। मुझे यह भी लगता है कि यह संरचनाएं अगले 100 साल तक और चलेंगी। उन्होंने भारत रत्न स्वर्गीय सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या मूर्ति स्थापना के लिए जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता सुरेश पांडे को तथा लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता अशोक श्रीवास और उनकी टीम को बधाई दी।
इस मौके पर विधायक अरुण वोरा ने भी इंजीनियर्स डे की बधाई अभियंताओं को दी। महापौर धीरज बाकलीवाल ने भी इंजीनियर्स डे पर जिले के अभियंताओं को बधाई दी। इस मौके पर पूर्व विधायक श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर राजेंद्र साहू एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।