मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का रायगढ़ जिले में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम जारी है। लैलूंगा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने आए सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कई तरह की राहत मांगी है। सतनामी समाज ने तो वहां डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा की सुरक्षा की मांग उठाई है। उनका आरोप था कि कुछ लोग प्रतिमा को बार-बार नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। आज मुख्यमंत्री की चौपाल खरसिया विधानसभा क्षेत्र के गांवों में लगेगी। वे मंत्री उमेश पटेल के घर भी जाएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रात में लैलूंगा के रेस्ट हाउस में रुके थे। वहां उनसे मिलने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि पहुंचे। सतनामी समाज के प्रतिनिधियों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा की सुरक्षा की मांग की। मुख्यमंत्री ने रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक को सुरक्षा के साथ असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके साथ ही श्मशान के लिए फेंसिंग कराने, अतिक्रमण रोकने और वहां पर पौधरोपण कराने की जिम्मेदारी कलेक्टर को दी गई।
विभिन्न समाज के लिए भवनों की राशि स्वीकृत
मेहर समाज की मांग पर मुख्यमंत्री ने सामाजिक भवन बनाने के लिए 10 लाख रुपए की राशि मंजूर की। गोंड समाज को उनके भवन के लिए 20 लाख मंजूर किए गए। अघरिया समाज को भवन हेतु 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। कंवर समाज को भवन हेतु 15 लाख रुपए की मंजूरी मिली। मुख्यमंत्री ने राठिया कंवर समाज की मांग पर लारीपानी मे धान उपार्जन केंद्र खोलने की पहल करने की भी बात कही है।
उन्होंने कुम्हार समाज को चाक देने के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया। यही नहीं कुम्हारों के लिए आरक्षित की जानी वाली भूमि को सुरक्षित करने को भी कहा, ताकि कुम्हारों को बर्तन बनाने के लिए मिट्टी मिलती रहे। मानिकपुरी पनिका समाज के भवन के लिए 5 लाख रुपए देने की घोषणा हुई। वहीं ईसाई आदिवासी समाज को कब्रिस्तान के लिए भूमि आवंटित करने की पहल की बात कही गई। मुख्यमंत्री ने मसीही समाज को भवन के लिए 5 लाख रुपए देने की घोषणा की।
छात्रा को उच्च शिक्षा के लिए दो लाख की सहायता
मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची स्वामी आत्मानंद स्कूल की मुस्कान अग्रवाल ने कहा, सर मैं आईएएस बनना चाहती हूं। मैं इस साल दसवीं बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में तीसरे स्थान पर आई हूं। कोचिंग करना चाहती हूं। मुख्यमंत्री ने बगल में बैठे अफसरों की ओर इशारा करते हुए कहा, ये देखिए सभी आईएएस और आईपीएस हैं। इन्होंने कभी कोचिंग नहीं की। इसके लिए अच्छे से पढ़ाई की जरूरत है।
थोड़ा निराश दिखी छात्रा ने कहा मैं मध्यवर्गीय परिवार से हूं। आर्थिक मदद मिल जाती तो अच्छे से तैयारी हो पाती। मुख्यमंत्री ने छात्रा से ही पूछ लिया बताओ कितना चाहिए। कुछ सेकेंड सोचने के बाद छात्रा ने दो लाख रुपए की बात कही तो मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा कर दी। यहीं पर नि:शक्त महेश श्रीवास को व्यवसाय के लिए डेढ़ लाख रुपए देने की घोषणा हुई।
आज ऐसा रहेगा मुख्यमंत्री का कार्यक्रम