( संजय रायजादा )
मध्यप्रदेश के लोक निर्माण विभाग के राज्य मंत्रालय स्थित प्रमुख सचिव कार्यालय में जोड़ तोड़ करके दूसरी बार पदस्थ होने वाले बाबू अमरेश गालर को बेइज्जती के साथ हटा दिया गया है । विभागीय मंत्री राकेश सिंह के निर्देश के बाद आनन-फानन में उसका उसे लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में भेज दिया गया जबकि इस विभाग में पदस्थ इसी स्तर के कर्मचारी संजय राठौर को लोक निर्माण विभाग में भेजा गया है।
न्यूज वेबसाइट एस आर पत्रिका ने ना केवल इस भ्रष्ट बाबू को हटाने के लिए लगातार उसके कारनामों का कच्चा चिट्ठा खोला बल्कि देश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन IFWJ के राष्ट्रीय महासचिव एन पी अग्रवाल की अमरेश गालर के खिलाफ प्रमुख सचिव को की गई शिकायत की जानकारी विभागीय मंत्री तक पहुंचाई। इसके बाद उसकी छुट्टी हो गई।
अमरेश गालर नामक तृतीय श्रेणी के इस कर्मचारी के पास लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को लेकर आने वाली शिकायतों की देखरेख करने का काम था। यानि प्रदेश भर से आने वाली विभिन्न शिकायतों को प्रमुख सचिव तक पहुंचाने और उनके निर्देशानुसार शिकायत से संबंधित पत्राचार करने की जवाबदारी दी गई थी।
एक बाबू की हैसियत रखने वाले अमरेश गालर ने इसी जिम्मेदारी को छोटे से लेकर बड़े इंजीनियरों को अपने नियंत्रण में रखने और उनसे अवैध कमाई करने का माध्यम बना रखा था।
इतना ही नहीं उसने विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव डी पी आहूजा की जी हुजूरी करके भोपाल के शिवाजी नगर में विभागीय कोटे का एक एफ टाइप शासकीय आवास 120/25 आवंटित करवा रखा है। उसकी ग्रेड पे 2400 रूपए होने से वह एफ टाइप की जगह एच टाइप शासकीय आवास की पात्रता रखता है। वहीं सामान्य प्रशासन विभाग का कर्मचारी होने से उसे लोक निर्माण विभाग के कोटे से शासकीय आवास आवंटित ही नहीं किया जा सकता है।
लोक निर्माण विभाग विभाग से हटा दिए गए कर्मचारी को नियमविरुद्ध मिले शासकीय आवास का आवंटन भी शीघ्र निरस्त होना चाहिए। इसके लिए शीघ्र ही वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी ताकि जोड़ तोड़ में माहिर अमरेश गालर विभागीय कोटे का मकान ना हथिया सकें।