मुख्यमंत्री विशेष रुप से बस्तर की कलाकार छात्रा मुस्कान पारख से प्रभावित हुए, मुस्कान ने चटाई में घोटुल का चित्र बनाया था। मुख्यमंत्री को इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती मोक्षदा चंद्राकर ने बताया कि यह कलाकृति बस्तर में बस्तर में घोटुल की परंपरा से प्रेरित है और इसमें एक छोटे से चित्र के माध्यम से बस्तर की सुंदर और समृद्ध लोक जीवन को दिखाया गया है। उल्लेखनीय है कि मुस्कान ने चटाई में आदिवासी लोक कला का प्रदर्शन किया है और घोटुल को दिखाया है। इसमें उन्होंने बताया है कि किस प्रकार बस्तर में घोटुल में अपने प्रियजनों को डिजाइनर कंघी देने की परंपरा थी। जिस तरह अभी के समय में प्रियजनों का गुलाब देकर स्वागत करते हैं। जितनी सुंदर कंघी होगी प्रियजन को यह उपहार इतना ही पसंद आएगा।
उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय श्रीमती सोनाबाई रजवार छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध लोककलाकार थीं। भारत भवन के लिए जब प्रख्यात चित्रकार स्वामीनाथन सुंदर कलाकृतियों का संग्रह कर रहे थे तब वे स्वयं सोनाबाई से मिलने आये। सोनाबाई का अधिकांश समय घर आंगन में ही गुजरा और इस दुनिया का सूक्ष्म अवलोकन कर उन्होंने चित्र में उतार दिया। प्रदेश की सबसे बड़ी कला गैलरी का नाम उनके नाम पर रखकर कला जगत की इस विभूति का बड़ा सम्मान हुआ है।