मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूरी मे थाना सिंहपुर में पदस्थ सत्य नारायण
पांडे द्वारा आवेदक बनवारी विश्वकर्मा को आए दिन झूठे केस में फंसाने की
धमकी एवं थाने में बैठा कर प्रताड़ित करना व मना करने पर गांजे के केस में
फंसाने की धमकी दिया जाता है, आवेदक बनवारी विश्वकर्मा सिंहपुर वार्ड नंबर
13 ने बताया कि शिक्षक दिलीप पांडे, लल्ला विश्वकर्मा एवं मुरली विश्वकर्मा
के साथ जमीनी विवाद चल रहा है जिसके चलते लल्ला एवं मुरली के साथ आए दिन
विवाद होता रहता है पीड़ित का कहना है कि मैं आर्थिक स्थिति से असमर्थ है,
जोकि थाने में पदस्थ सत्य नारायण पांडे के द्वारा झूठा आरोप लगाकर अंदर कर
देते हैं और कहते हैं कि पैसे दे नहीं तो गांजे के केस में या रेप केस में
मुझे फंसा दूंगा यहां तक की 17 पांडे द्वारा 4 सितंबर 2022 को गणेश पंडाल
से थाने ले गए जिस पर पीड़ित को 24 घंटे थाने में बिठाए रहे और मारपीट किए
और मुरली विश्वकर्मा लल्ला विश्वकर्मा एवं दिलीप पांडे द्वारा भी पीड़ित के
साथ थाने में मारपीट की गई, मारपीट के दौरान आवेदक के कान में गंभीर चोट
आने के कारण आवेदक के कान में कम सुनाई देता है, मारपीट के बाद आवेदक से
20650 रुपए भी ले लिए तब पीड़ित को छोड़ा गया पर मामला यहीं खत्म नहीं होता
इसके बाद भी पीड़ित के साथ आए दिन मारपीट एवं धमकी भरे संदेश मिलते रहते
हैं
1 वर्ष पहले भी लगा था झूठा आरोप
आवेदक बनवीर विश्वकर्मा ने बताया की 28 नवंबर 2021 को शाम करीब 4:00 बजे
आवेदक का भाई अशोक विश्वकर्मा ऑटो चला रहा था तभी सिंहपुर थाना की पुलिस
द्वारा पकड़ कर थाने ले जाया गया जब पीड़ित द्वारा पूछा गया मुझे थाने
क्यों लाया गया है तब पुलिस वालों के द्वारा बताया गया कि हमें सूचना मिली
है कि तुम ऑटो शहडोल से सिंहपुर चलाते हो और फतेहपुर में जो केस हुआ है
उसके बारे में क्या जानते हो तब पीड़ित द्वारा बोला गया कि इसके बारे में
मुझे कुछ नहीं पता तब पुलिस वालों के द्वारा जांच किया गया और उक्त केस में
फरियादी के पास पीड़ित को ले जाया गया तो फरियादी द्वारा बोला गया कि इनको
मैं नहीं जानती तब पीड़ित को थाने ले जाकर दूसरे दिन 4:00 बजे शाम को
छोड़ा गया और इस केस में भी लल्ला विश्वकर्मा, सुरेंद्र विश्वकर्मा एवं
मुरली विश्वकर्मा के द्वारा झूठा फसाने का प्रयास किया गया था इसलिए आज
दिनांक तक आवेदक को झूठे केस फसाने के लिए कोशिश में लगे रहते हैं और इनको
पूरा संरक्षण खाकी वर्दी का है पर सवालिया निशान है उठता है कि अगर रक्षक
ही भक्षक का काम करने लगे तो आम जनता का क्या होगा।