स्पाइसजेट ने अपने 80 पायलटों को तीन महीने के लिए बिना वेतन अवकाश पर
भेज दिया है। गुरुग्राम की विमानन सेवा कंपनी ने मंगलवार को कहा कि यह कदम
लागत को सुसंगत करने के अस्थायी उपाय के तहत उठाया है। स्पाइसजेट ने बयान
में कहा, ''यह उपाय एयरलाइन की किसी कर्मचारी को नौकरी से बाहर नहीं करने
की नीति के अनुरूप है। कोविड महामारी के दौरान भी एयरलाइन ने कर्मचारियों
को नौकरी से नहीं निकाला था। इस कदम से पायलटों की संख्या को विमानों के
बेड़े से सुसंगत किया जा सकेगा।'' 'जबरन' बिना वेतन छुट्टी पर भेजे गए
पायलट एयरलाइन के बोइंग और बाम्बार्डियर बेड़े के हैं।
एक पायलट ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''हमें एयरलाइन के वित्तीय संकट की जानकारी है, लेकिन अचानक लिए गए इस फैसले से हमें झटका लगा है। तीन माह बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति क्या होगी इसको लेकर भी अनिश्चितता है। इस बात का कोई आश्वसन नहीं दिया गया है कि छुट्टी पर भेजे गए पायलटों को वापस बुलाया जाएगा।'' स्पाइसजेट के मौजूदा और कुछ पूर्व कर्मचारियों ने बताया कि यह पहली बार है जबकि एयरलाइन ने कोविड-19 महामारी की वजह से पायलटों को जबरन छुट्टी पर भेजा है।
स्पाइसजेट के एक पूर्व कर्मचारी ने बताया कि महामारी की वजह से विदेशी पायलटों को बर्खास्त किया गया था, जबकि 2020 से चालक दल के सदस्यों को एक से अधिक बार बिना वेतन छुट्टी पर भेजा गया है। इसके अलावा कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की गई है। इस बीच, स्पाइसजेट ने बयान में कहा कि उसने 737 मैक्स विमानों को खड़ा किए जाने के बाद 2019 में अपने बेड़े में 30 से अधिक विमान जोड़े हैं। एयरलाइन ने इस उम्मीद में कि मैक्स विमान जल्द दोबारा परिचालन में आएंगे, पायलटों की नियुक्ति जारी रखी है। लेकिन लंबे समय से मैक्स विमान खड़े हैं इस वजह से अब पायलटों की संख्या ज्यादा हो गई है। बयान में कहा गया है कि जल्द मैक्स विमान बेड़े में फिर शामिल होंगे। इसके साथ ही पायलटों को दोबारा काम पर बुलाया जाएगा।