राज्य की 12 वृहद सिंचाई परियोजनाओं में शामिल सिकासार, खारंग और मनियारी जलाशय आज की स्थिति में लबालब हैं। मिनीमाता बांगो में 84.5 प्रतिशत तथा रविशंकर गंगरेल बांध में 93.35 प्रतिशत जलभराव है। बीते दो सालों से जलभराव की कमी से जूझ रहे बालोद जिला स्थित तांदुला जलाशय में इस साल स्थिति काफी बेहतर है, तांदुला जलाशय में वर्तमान में 93.64 प्रतिशत जलभराव है। कांकेर स्थित दुधावा और धमतरी जिले का मॉडल सिल्ली बांध भी लबालब होने की स्थिति में है। इन दोनों बांधों में आज की स्थिति में 99 प्रतिशत जलभराव है। सोंढूर डेम में 91.70 प्रतिशत, कोडार बांध में 66.48 प्रतिशत, केलो बैराज में 94.11 प्रतिशत पानी है। बड़े सिंचाई परियोजनाओं में से एकमात्र अरपा भैंसाझार बैराज में आज की स्थिति में 50 प्रतिशत से कम जलभराव है।
राज्य की मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में बालोद जिला स्थित खरखरा डेम, बस्तर जिले के कोसार टेडा बांध, कांकेर जिले के परालकोट एवं मायना डेम, कबीरधाम जिले के छीरपानी, सरोदा एवं बहेराखार, राजनांदगांव जिले के पिपरिया नाला,रूसे डेम एवं मोंगरा बैराज, रायगढ़ जिले के खमारपकुट, सरगुजा जिले के बरनाल डेम और बिलासपुर जिले के घोंघा, कोरिया जिले के झुमका में 100 प्रतिशत जलभराव है। रायपुर जिला स्थित कुम्हारी जलाशय और सरगुजा के बांकी सिंचाई जलाशय को छोड़कर शेष मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में जलभराव की स्थिति 70-99 प्रतिशत तक है। कुम्हारी जलाशय में आज की स्थिति में 32.78 तथा सरगुजा के बांकी बांध में 32.28 प्रतिशत पानी है।