महामाया मंदिर के सहायक पुजारी पं.मनोज शुक्ला ने बताया कि एक श्लोक में वर्णित है कि शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां, बुधे नौका प्रकीत्र्तिता श्लोक का अभिप्राय है कि रविवार और सोमवार को नवरात्र का शुभारंभ हो तो माता हाथी पर सवार होकर आती हैं। नवरात्र का शुभारंभ शनिवार और मंगलवार को हो तो देवी मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं। यदि नवरात्र का शुभारंभ गुरुवार और शुक्रवार को हो तो मां डोली पर सवार होकर आती हैं। यदि बुधवार को नवरात्र प्रारंभ हो तो माता नौका पर सवार होकर आती हैं।
25 सितंबर को सुबह से लेकर 26 सितंबर को सुबह 8 बजे तक शुक्ल योग और 26 से 27 सितंबर तक ब्रह्म योग का संयोग है। इस योग में प्रतिपदा तिथि पर घट स्थापना करना शुभदायी होगा।
शुभ मुहूर्त
अमृत – सोमवार को सुबह 6.20 से 7.55 बजे
शुभ – सुबह 9.25 से 10.55 बजे
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.36 से 12.34