मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी ने स्वयं चुनाव लड?े का निर्णय का एलान करते हुए कहा कि वह अपने पति के अधूरे सपनों को पूरा करने वह चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होने बताया कि चुनाव की तारीख घोषित होने के एक दिन पहले 4 नवंबर को ही उन्होंने स्वैच्छिक इस्तीफा विभाग को भेज दिया है। सावित्री मंडावी ने कहा कि उनकेपति छात्र जीवन से राजनीति में आए और लगातार तीन बार भानुप्रतापपुर क्षेत्र से विधायक रहे, उनके अचानक चले जाने से क्षेत्र की जनता के लिए उनके कई सपने अधूरे हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए ही उन्होने चुनाव लड?े का निर्णय लिया है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा भी इस उपचुनाव को गंभीरता से ले रही है। छत्तीसगढ़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं कांकेर के पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी ने भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जमानत जब्त होने का एलान करते हुए इस उपचुनाव में कांग्रेस हटाओ, आरक्षण बचाओ का नारा देते हुए मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। भाजपा ने आदिवासी समाज के आरक्षण में कटौती को चुनाव का केंद्रिय मुद्दा बनाकर कांग्रेस को पटकनी देने की रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी। भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा देवलाल दुग्गा या ब्रह्मानंद नेताम या किसी अन्य को विकल्प तलाशेगी इस पर आने वाले कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जायेगा।
भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर यदि 2018 के भानुप्रतापपुर सीट के चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज सिंह मंडावी को 72,520 वोट मिले थे। भाजपा के देवलाल दुग्गा दूसरे नंबर पर थे उन्हें 45,827 मत प्राप्त हुए थे। चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया था, आप प्रत्याशी कोमल हुपेंडी को 9634 वोट मिले थे, हुपेंडी तीसरे स्थान पर रहे। आप पार्टी ने भी गायत्री दुग्गा को हरी झंडी दे दी है। साथ ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रत्याशी मानक दरपट्टी को 9611 मत प्राप्त हुए थे। यानि भानुप्रतापपुर में आप ने जोगी कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया था।