कोरबा। लगभग 60 साल की उम्र के किसान गोटीलाल के पास महज एक एकड़ ही खेत है। बारिश के भरोसे उम्मीद की फसल लेने वाला गोटीलाल हर साल धान की फसल लेता आ रहा है। कई बार बारिश की बेरूखी से किसान गोटीलाल को एक एकड़ में उम्मीद के मुताबिक धान की मात्रा नहीं मिली तो कई बार बारिश की मेहरबानी से वह एक एकड़ में पर्याप्त धान ले पाता था। अपनी खेत पर हाड़-तोड़ मेहनत से धान का बंपर उत्पादन करने के बाद किसान गोटीलाल को तब बहुत धक्का लगता था, जब उन्हें मालूम चलता था कि वह एक एकड़ में उत्पादित पूरे धान को नहीं बेच सकता, उन्हें एक एकड़ में निर्धारित मात्रा में ही धान बेचनी होगी। इस तरह की बंदिशों ने किसान गोटीलाल को कई बार रूलाया और वह चाहकर भी अपना पूरा धान उपार्जन केंद्र में नहीं बेच पाता था। उसके पास महज एक एकड़ ही खेत होने का खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ता था, क्योंकि एक एकड़ से अधिक वाले बड़े किसान ज्यादा धान बेच पाते थे और ज्यादा पैसे जुटा पाते थे। बीते कई सालों से इस तरह की परेशानियों को झेलते आए किसान गोटीलाल की परेशानी बीते साल से दूर हो गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा किसानों के हित में लिए गए एक एकड़ में 21 क्विंटल धान खरीदी के निर्णय के पश्चात उन्होंने अपनी मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी। आखिरकार जब फसल काटने और मिंजाई के बाद धान को बोरे में भरकर इक्टठ्ा किया तो उन्होंने किसी-किसी को यह कहते सुना कि उपार्जन केंद्र में किसानों से एक एकड़ का 21 कि्ंवटल नहीं खरीदा जा रहा है। उनको लौटा दिया जा रहा है। कुछ दिनों तक तो किसान गोटीलाल भी भ्रम में था कि ऐसे कैसे हो सकता है? ऐसा हुआ तो वह क्या करेगा ? कुछ लोगों के अपवाहों से भ्रम में आए किसान गोटीलाल ने सभी अपवाहों को दरकिनार किया और छत्तीसगढ़ सरकार, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्णय पर भरोसा करते हुए बोरे में भरकर 21 क्विंटल धान उपार्जन केंद्र बेचने ले आया। यहां किसी ने उन्हें रोका-टोका नहीं। अपने मेहनत के फसल को बोरे में भर-भर कर तौल कराई और एक-एक दाने का मोल किसान गोटीलाल को मिला।
पाली विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम बतरा के किसान गोटीलाल ने बताया कि उनका एक एकड़ खेत है। इस खेत में उन्होंने धान का फसल लिया था। अच्छे से मेहनत कर धान का उत्पादन किया जिससे 21 क्विंटल धान हुआ। ग्राम पोड़ी के उपार्जन केंद्र में धान बेचने आए किसान गोटीलाल ने बताया कि धान उपार्जन केंद्र में उन्हें धान बेचने में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आई। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने भ्रम फैला दिया था कि 21 किव्ंटल धान की खरीदी नहीं होगी। हालांकि उन्हें उपार्जन केद्र में इस तरह के किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। गोटीलाल ने बताया कि धान बेचकर जो पैसे मिलेंगे उससे खाद-बीज के लिए जो कर्ज लिया था उसे चुकाएंगे। उन्होंने बताया कि हम लोग बहुत छोटे किसान है और हमारी कोशिश रहती है कि फसल का अच्छा उत्पादन हो ताकि अधिक से अधिक धान बेच सके। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किसानों के लिए बहुत बड़ा निर्णय लिया है। 21 क्विंटल धान की खरीदी कर हम जैसे छोटे किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाया है, वर्ना हम छोटे किसान कुछ क्विंटल धान ही बेच पाते थे, इससे हमारी जरूरतों के लिए पर्याप्त पैसे भी नहीं मिल पाते थे।