राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ के संयुक्त संचालक व राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र पामभोई ने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत राज्य के 14 जिला अस्पतालों में 'जीवन धाराझ् नाम से नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रदेश में उच्चतम गुणवत्ता के साथ डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। राज्य के 20 जिलों के विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं चिकित्सा अधिकारियों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर में डायलिसिस के लिए तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
राज्य के 14 जिला अस्पतालों में अब तक कुल 41 हजार 115 डायलिसिस सेशन किए जा चुके हैं। इनमें से दुर्ग जिले में 6947, कांकेर में 6443, बिलासपुर में 5634, महासमुंद में 4302, कोरबा में 8075, सरगुजा में 4598, जशपुर में 1958, बीजापुर में 1201, रायपुर में 433, जांजगीर-चांपा में 894, जगदलपुर में 356, मुंगेली में 24, बलौदाबाजार में 9 और गरियाबंद में 241 सेशन किए जा चुके हैं।
किडनी रोगों से ग्रस्त मरीजों को लंबे समय तक बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता है। इससे उन पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है। निजी अस्पतालों में एक बार डायलिसिस कराने का न्यूनतम 1200 रूपए लगता है, जबकि राज्य शासन द्वारा नि:शुल्क यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। विभिन्न जिलों के शासकीय अस्पतालों में नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा से दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को डायलिसिस के लिए दूर जाना नहीं पड़ रहा है। इससे उनके पैसों और समय दोनों की बचत हो रही है।