ढेर सारी कंपनियों का हो सकता है मर्जर
पिछले सप्ताह टाटा ग्रुप ने सभी स्टील बिजनेस को टाट स्टील में
मर्ज कर दिया था। वहीं, मार्च में टाटा कॉफी की सभी कंपनियों का विलय टाटा
कंज्यूमर प्रोडक्ट में कर दिया गया था। समूह इस तरह के विलय के जरिए अपने
कानूनी भार को भी हल्का करना चाहता है। ऐसा नहीं है कि टाटा समूह अचानक ही
मर्जर पर फोकस करने लगा है। इससे पहले 2018 में समूह ने अपने सभी एयरोस्पेस
और डिफेंस बिजनेस को टाटा एयरोस्पेस और डिफेंस में विलय कर दिया था। 2017
में सीएमसी का मर्जर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ में कर दिया गया था। बता
दें, टेक्नोलॉजी सेक्टर में समूह के पास टाटा कंसल्टेंसी, टाटा एलेक्सी और
टाटा डिजिटल जैसी तीन बड़ी कंपनियां हैं।
इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की सभी कंपनियों को भी एक ही छत के नीचे लाने की योजना पर काम हो रहा है। यानी आने वाले समय में टाटा प्रोजेक्ट्स, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, टाटा रिएल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर और टाटा हाउसिंग का विलय भी एक में किया सकता है। वहीं, एयरलाइन सेक्टर में 2024 तक समूह एयर एशिया इंडिया, विस्तारा और एयर इंडिया को एयर इंडिया ब्रांड के तहत लाया जा सकता है।
यह पूरी कवायाद मैनेजमेंट के स्ट्रक्चर को बेहतर करने के साथ कंपनियों के बीच आपसी ताल-मेल बढ़ाने का हिस्सा है। इसके अलावा समूह नए बिजनेस पर भी फोकस कर रहा है। यानी आने वाले कुछ सालों में टाटा समूह में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।