वैश्विक स्तर पर महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी के दबाव के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की जबरदस्त खरीदारी और कच्चे तेल की कीमतों में कमी की बदौलत बीते सप्ताह 1.7 प्रतिशत की छलांग लगा चुके घरेलू शेयर बाजार में यदि एफआईआई का निवेश जारी रहा तो सेंसेक्स और निफ्टी जल्द ही नई ऊंचाई को छूएंगे।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेद सूचकांक सेंसेक्स 989.81 अंक की छलांग लगाकर सप्ताह के अंत पर 59793.14 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 293.9 अंक की तेजी के साथ 17833.35 अंक पर रहा। इस दौरान बीएसई की दग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी लिवाली हुई। इससे मिडकैप 473.31 मजबूत होकर सप्ताहांत पर 25937.22 अंक और स्मॉलकैप 727.92 अंक चढ़कर 29528.74 अंक हो गया।
ऑफिशियल सोर्सेज़ से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, बीते सप्ताह एफआईआई ने बाजार में कुल 6948.41 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की लेकिन सोमवार को वह 811.75 करोड़ रुपये के बिकवाल भी रहे, जिससे इनका शुद्ध निवेश 6136.66 करोड़ रुपये रहा। इसी तरह सितंबर माह में अबतक वे 3837.56 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली कर चुके हैं वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक 69.71 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे हैं। इस वर्ष पिछले छह महीने के बाद अगस्त में शुरू हुई एफआईआई की लिवाली लगातार जारी है। इस महीने एफआईआई ने बाजार में 22025.62 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया जबकि घरेलू निवेशकों ने 7068.63 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि यदि एफआईआई और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का बाजार में निवेश लगातार जारी रहा तो जल्द ही सेंसेक्स और निफ्टी नई ऊंचाई को छूने में कामयाब हो जाएंगे। इसके अलावा अगले सप्ताह अगस्त की खुदरा और थोक महंगाई तथा औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी जारी होने वाले हैं। जुलाई में खुदरा महंगाई घटकर 6.71 प्रतिशत और थोक महंगाई भी कम होकर 13.93 प्रतिशत रह गई थी। यदि इस बार भी महंगाई दर में गिरावट आई तो बाजार पर सकारात्मक असर पड़ेगा।