( अन्नदाता परेशान मंडी प्रांगण में नहीं होता भुगतान )
( विशेष प्रतिनिधी )
हरदा // मध्यप्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल के गृहनगर हरदा जिले की प्रमुख कृषि उपज मंडी में भोले भाले किसानों के साथ छलावा हो रहा है। मनमानी पर उतारू कृषि उपज मंडी के प्रभारी सचिव अशोक ठाकुर को किसी का डर नहीं है। उनके संरक्षण के चलते कई अनाज व्यापारी और कुछ फर्म किसानों की उपज का पैसा मंडी प्रांगण के बाहर दे रही है।
जब इस संबंध में मंडी सेक्रेटरी से चर्चा की तो उन्होंने नियम विरुद्ध कार्य कर रहे व्यापारियों का ही समर्थन किया । ठाकुर किसानो की जगह इससे व्यापारीयों के हित में ही बात करते रहे।
दरअसल हरदा कृषि उपज मंडी में सांवरिया ट्रेडर्स, सीएम ट्रेडर्स, मंगल ट्रेडर्स, जीपी टेंडर्स जैसी फर्म किसानों का अनाज खरीद रही हैं। लेकिन यह सभी फर्म किसानों को मंडी प्रांगण में खरीदी गई उपज का पैसा देने की जगह अपने निजी संस्थानों में बुलाकर उनका भुगतान कर रही है । जबकि नियमानुसार किसानों को मंडी प्रांगण में ही उनसे खरीदी गई फसल का भुगतान करना जरूरी है।
मंडी सचिव की मिलीभगत के चलते मजबूरी में किसानों को अपनी उपज का पैसा लेने इन व्यापारियों के संस्थानों में जाना पड़ता है।इस बीच यदि किसानों के साथ राहजनी की वारदात या लूट की वारदात होती है तो उसका जिम्मेदार कौन रहेगा?
इसके विपरित नियमानुसार अनाज खरीदने वाले व्यापारी मंडी परिसर में उन्हें भुगतान करते है तो ऐसी किसी अनहोनी की आशंका नहीं रहती है। किसानों की सुरक्षा के लिए मंडी प्रांगण में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और सल बेचने आए किसान भी बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं ।
किसानों को मंडी प्रांगण के बाहर फसल का भुगतान करने की कई शिकायतें मिलने पर जिला कलेक्टर भी के द्वारा इन फर्मो को मंडी परिसर के अंदर ही लेनदेन करने के निर्देश दे चुके हैं लेकिन मंडी सेक्रेटरी की सांठगांठ और हिटलर शाही के कारण जिला कलेक्टर के निर्देश का खुला उल्लंघन हो परहा है।
गौरतलब है कि किसानों से उपज खरीदने वाली सभी व्यापारिक फर्मो को मंडी परिसर में गोदाम एवं दुकानें आवंटित है ताकि खरीदी से भुगतान तक की प्रक्रिया मंडी परिसर में ही पूरी हो सके।
किसानों के मुताबिक कि उन्हें बेची गई उपज का पेमेंट लेने के लिए मजबूरी में खरीदी करने वाली फर्मों के मंडी परिसर से बाहर स्थित आफिस में जाना पड़ता है । उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में यदि उनके साथ कोई घटना होती है तो उसकी जवाबदार कौन होगा।
इस समय त्योहारों का सीजन चल रहा है। किसानों की फसल कट चुकी है।मंडी में मक्का, सोयाबीन की आवक बंपर है। जिसके कारण मंडी में भीड चल रही है। किसानों को खाद, बीज, डीजल की भी आवश्यकता है जिसके कारण किसान अपनी उपज लेकर मंडी आ रहा है।
इस मुद्दे पर जिला कलेक्टर आदित्य सिंह ने मामला संज्ञान में आने की बात कहते हुए नियम अनुसार कार्रवाई करने को कहा है। हरदा के एसडीएम कुमार सानू ने भी मंडी परिसर के बाहर भुगतान कर रही व्यापारिक फर्मों पर समुचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
हालांकि इस मामले पर मंडी सचिव अशोक ठाकुर का कहना है कि उन्होंने मंडी प्रांगण में भुगतान नहीं करने वाले व्यापारियों को नोटिस दिए हैं , लेकिन व्यापारी नहीं मान रहे हैं। उन्होंने व्यापारियों से किसी तरह की सांठगांठ होने से साफ इंकार किया और नियमानुसार फसल बेचने वाले किसानों को मंडी परिसर में ही इसका भुगतान कराने की कोशिश करने को कहा।