आमतौर पर लोग डिपॉजिट के लिए सरकारी बैंकों का रुख करते हैं। डिपॉजिट पर बैंक से ब्याज मिलता है तो जमा पैसे की सिक्योरिटी का भी भरोसा रहता है। हालांकि, बैंकों से डिपॉजिट पर मिलने वाली सालाना ब्याज दरें अब भी 6-7 फीसदी के दायरे में हैं। वहीं, बैंकों के स्टॉक पर दांव लगाने वाले निवेशकों पर पैसे की बारिश हो रही है।
बैंक ऑफ बड़ौदा सबसे आगे: साल 2022 की बात करें तो निफ्टी पर सरकारी बैंकों के इंडेक्स में 28 फीसदी तक की तेजी आई है, जबकि इसी अवधि में निफ्टी सिर्फ 3 फीसदी चढ़ा है। निफ्टी में सरकारी बैंक इंडेक्स पर अब तक बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने निवेशकों को सबसे तगड़ा 71 फीसदी का रिटर्न दिया है। 15 सितंबर, 2022 को बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर बढ़कर 140.05 रुपये हो गए, जो 31 दिसंबर, 2021 को 81.95 रुपये पर थे।
इसके बाद इंडियन बैंक (47 प्रतिशत रिटर्न), केनरा बैंक (26 प्रतिशत रिटर्न) और भारतीय स्टेट बैंक (करीब 25 प्रतिशत रिटर्न) का स्थान रहा। आपको बता दें कि हाल हीमें देश के सबसे बड़े ऋणदाता एसबीआई ने 5 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटल को पार कर लिया है।
पीएनबी का क्या हाल: इसके अलावा साल 2022 में अब तक पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी क्रमशः 8 प्रतिशत, 7 प्रतिशत, 3 प्रतिशत, 2 प्रतिशत और 1 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। दूसरी ओर, यूको बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक में क्रमश: 4 फीसदी और 6 फीसदी की गिरावट आई है।
तेजी की वजह: बैंकिंग स्टॉक के परफॉर्मेंस में सुधार की वजह संपत्ति की गुणवत्ता, ऋण वृद्धि और एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) गतिविधि हैं। बाजार पर नजर रखने वालों का मानना है कि आने वाले वक्त में भी सरकारी बैंकों का जलवा बरकरार रहेगा।