प्राप्त जानकारी के अनुसार बोरजे तोयनार मार्ग भी बाढ़ के कारण बंद हो गया है। इसके अलावा जिला मुख्यालय से लगे कोकड़ापारा में नाले के जलस्तर ने लोगों के सामने बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गये हैं। जहां प्रशासन के मार्गदर्शन में नगर सेना के द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने का काम जारी है। बारिश के चलते मोदकपाल थाना के पास रपटा डूब गया है जिसके चलते बीजापुर भोपालपट्टनम नेशनल हाइवे 63 पर आवाजाही बंद हो गई है। इसी तरह बीजापुर-गंगालूर मार्ग पर पदेडा और पोंजेर नाला भी उफान पर होने से चेरपाल-गंगालूर समेत दर्जनों गांवों टापू में तब्दील हो गया है। चिन्नाकवाली के आश्रित ग्राम रालापाल में लगभग 50 मवेशियों के बाढ़ में बह जाने से मारे गये हैं।
बीजापुर एसडीएम पवन कुमार प्रेमी ने बताया कि जिला मुख्यालय सहित गंगालूर इलाके में भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। भारी वर्षा से भोपालपट्टनम, गंगालूर, तोयनार मार्ग अवरुद्ध हुआ है। अब तक 04 मकानों के आंशिक छतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है। बचाव दल स्थिति पर लगातार नजर बनाये हुए है,आवश्यकतानुसार लोगो की मदद की जा रही है।
ग्राम रेड्डी में 5-6 मोटर साइकिल के नदी में बहने की बात भी सामने आई है, लेकिन इस की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। दो मकान के 5 लोगों को घर से सुरक्षित निकाला गया। नगर सैनिक के कमांडेंट निर्मल साहू के नेतृत्व में रेस्क्यू किया गया है। बीजापुर के शांतिनगर में एक मकान के गिरने की भी सूचना मिली है। कृषि वैज्ञानिक भीरेंद्र पालेकर ने बताया कि पूर्व से भारी बारिश की चेतावनी केंद्रीय मौसम विभाग से मिली थी, लेकिन शनिवार की सुबह तक ऐसा लग नहीं रहा था, अचानक ही रात में 9 बजे के बाद बारिश हुई जो फिलहाल अभी तक जारी है और इसके कारण पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।