भोपाल। परिवहन आरक्षक रहे सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन गौर के यहां लगभग 18 करोड़ रुपये नकदी और 54 किलो सोना मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना में दर्ज एफआइआर के आधार पर मनी लांड्रिंग एक्ट के अंतर्गत प्रकरण कायम कर जांच प्रारंभ की है।ईडी के अधिकारियों ने बताया कि इस दिशा में जांच की जाएगी की संपत्ति कहां से कैसे अर्जित की गई है। दूसरे देशों से पैसे का गलत तरीके से लेनदेन तो नहीं हुआ है। इस संबंध में ईडी की ओर से लोकायुक्त पुलिस से जब्त संपत्ति की जानकारी और दस्तावेज मांगे जाएंगे।
आयकर विभाग की एसेसमेंट रिपोर्ट तैयार होने के बाद, उसके आधार पर भी जांच की जाएगी। इस मामले में सौरभ के परिवार से भी पूछताछ की जा सकती है।
इधर जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे ही नए-नए खुलासे भी हो रहे हैं। अब सौरभ के बारे में पता चला है कि वह नौकरी छोड़ने के बाद भी परिवहन विभाग में सक्रिय था। अपने लोगों को परिवहन के चेक पोस्टों पर भेजा करता था। हालांकि तब सितंबर 2023 में कुछ अधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए जानकारी ऊपर तक भी पहुंचाई थी, लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
अब लोकायुक्त और आयकर विभाग के रडार पर आने के बाद सौरभ शर्मा के बारे में ये सारी बातें सामने आ रही हैं। हालांकि जिन अधिकारियों के सामने तब ये मामले आए थे, अब वे भी कुछ कहने से बच रहे हैं।
पुलिस सूत्रों की मानें तो सौरभ शर्मा के पास करीब 12 लोगों की ऐसी टीम थी, जिनको परिवहन के चेक पोस्टों पर वसूली का अनुभव था। बीच-बीच में उसके लोगों के वीडियो भी सोशल मीडिया के अलग-अलग माध्यमों पर वायरल हुए थे, तब मामला ऊपर तक भी पहुंचा था, लेकिन लिखित शिकायत से पहले ही पूरा मामला दबा दिया गया था।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सौरभ काफी सतर्क रहकर काम करता था। उसे नाकों की भी पूरी खबर रहती थी। अगर उसके लोगों की कुछ शिकायत आती थीं तो वह अपने रसूख का उपयोग कर उसे दबा देता था।
आयकर विभाग की टीम ने बिल्डर के यहां छापेमारी में अहम राजफाश करने के बाद अब सौरभ शर्मा पर फोकस बढ़ा दिया है। दिल्ली से दिशा-निर्देश मिलने के बाद आयकर विभाग ने सोने और 10 करोड़ रुपये की नकदी की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। सौरभ के दुबई से भारत आने के बाद उसे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
आयकर सूत्रों का कहना है कि रातीबड़ में एक फार्म की जमीन पर खड़ी कार से जब्त सोना और रुपये को लोकायुक्त को वापस करने की चर्चाओं पर अब विराम लग गया है। आला अधिकारियों की बैठक के बाद रकम को होल्ड करने का निर्णय लिया गया है। जब तक सोने की पूरी जानकारी नहीं मिल जाती है, तब तक रकम और सोना आयकर विभाग के पास ही रहेगा।