विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अली ने इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि डिजिटल मीडिया के दौर में पत्रकारिता की कार्यशैली में तेजी से बदलाव आया है। अखबारों, टीवी चैनलों में तकनीकी और सूचना के प्रसार में अभूतपूर्व प्रगति है। सोशल मीडिया ने नागरिक पत्रकारिता को नया आयाम दिया है। लेकिन पत्रकारिता में जनसेवा की भावना का अवमूल्यन हुआ है। पत्रकारिता की व्यावसायिक अभिरूचि ने समाज के जरुरी मुद्दों से अलग थलग कर दिया है। डॉ. अली ने कहा कि हमें इन चुनौतियों के बीच स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का अध्ययन गंभीरता से करना होगा। समस्यामूलक शोध प्रबंधन के माध्यम से स्वस्थ समाज का सृजन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजा राम मोहन राय, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, पं युगल किशोर शुक्ल, गणेश शंकर विद्यार्थी, माधव राव सप्रे, पं माखनलाल चतुवेर्दी जैसे अनेक महापुरुषों के पत्रों में राष्ट्रीय चेतना के प्रसंगों को पुन: लोक मत के केंद्र में लाने की जरूरत है। अलंकरण समारोह में रत्नागिरी सहित देश के अनेक हिस्सों से आए पत्रकारों ने भाग लिया।